
रायपुर: कोरिया जिले के सोनहत थाना क्षेत्र में 26 सितंबर की रात हुए एक सड़क हादसे का मामला अब हत्या में बदल गया है। प्रारंभिक जांच में इसे सिर्फ दुर्घटना बताया गया था, लेकिन आगे की जांच में पता चला कि यह जमीन विवाद से जुड़ी रंजिश के चलते जानबूझकर की गई हत्या थी।
थाना प्रभारी हेमंत अग्रवाल को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है और उन्हें बैकुंठपुर रक्षित केंद्र में अटैच किया गया है।
क्या है मामला?
सोनहत थाना क्षेत्र के ग्राम सेमरिया में रहने वाले राम गिरी गोस्वामी और अमरजीत सिंह 26 सितंबर की रात बाइक से लौट रहे थे। इसी दौरान एक पिकअप वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
पहले इसे दुर्घटना माना गया था, लेकिन पुलिस की गहन जांच में खुलासा हुआ कि यह जानबूझकर की गई हत्या थी।
सूरजपुर जिले के ग्राम रसौकी निवासी श्यामसुंदर गिरी और कृष्णा गिरी ने 25 सितंबर को सोनहत थाने में रमेश यादव, सुरेश यादव और बृजनंदन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि जमीन विवाद के चलते उनकी हत्या की धमकी मिल रही है।
पुलिस की लापरवाही पर कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद आरोपियों को थाने तलब किया गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ठीक अगले दिन, 26 सितंबर को शिकायतकर्ता थाने से लौट रहे थे, तभी रमेश यादव ने कथित रूप से जानबूझकर पिकअप से उन्हें टक्कर मारी, जिससे दोनों की मौत हो गई।
परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती, तो यह घटना रोकी जा सकती थी।
आईजी कार्यालय ने थाना प्रभारी हेमंत अग्रवाल की कार्रवाई में लापरवाही पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया। आईजी के आदेश में स्पष्ट किया गया कि शिकायत को गंभीरता से न लेने और त्वरित कार्रवाई में विफल रहने के चलते यह दुखद घटना घटी, जिसके लिए थाना प्रभारी जिम्मेदार हैं।