नई दिल्ली:- पूर्वी यूक्रेन के दो प्रांतों को अलग देश के रूप में मान्यता देने के रूसी कदम से तनाव बढ़ गया है. अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देश और संगठन रूस के खिलाफ उतर आए हैं. मॉस्को के विरुद्ध कड़े एक्शन भी शुरू हो गए हैं. यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने मंगलवार को घोषणा की कि अमेरिका रूसी बैंकों और कुलीन वर्गों के खिलाफ कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाने के आदेश दे रहा है.जो बाइडेन ने कहा कि मॉस्को ने यूक्रेन के मामले में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सरेआम उल्लंघन किया है. उन्होंने आगे कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन संबंधी दावों से हममें से कोई मूर्ख नहीं बनेगा. राष्ट्रपति बाइडेन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पुतिन आगे कोई कार्रवाई करते हैं तो और प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
बाइडेन ने कहा कि हम रूस के दो बड़े वित्तीय संस्थानों VEB और सैन्य बैंक पर प्रतिबंध लागू कर रहे हैं. इसके अलावा, रूस को पश्चिमी देशों से मिलने वाली आर्थिक सहायता पर भी रोक लगाई जाएगी. अमेरिकी प्रेसिडेंट ने कहा कि हम स्थिति का लगातार आकलन कर रहे हैं. यदि रूस अपनी हरकतों से बाज नहीं आता, तो आगे भी सख्त कार्रवाई होगी. यूक्रेन के साथ युद्ध जैसे हालात के बीच रूस ने पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहांस्क को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इसकी घोषणा की थी.
गौरतलब है कि रूस के इस कदम की हर तरफ आलोचना हो रही है. ब्रिटेन ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और यूक्रेन की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता पर हमला बताया गया है. इसी तरह, एस्टोनिया की प्रधानमंत्री काजा कल्लास ने भी रूसी फैसले की निंदा करते हुए उसे यूक्रेन की अखंडता का उल्लंघन बताया है. एस्टोनिया की प्रधानमंत्री ने कहा है कि रूस कूटनीतिक दरवाजे बंद कर युद्ध के लिए बहाने तलाश रहा है.