रायपुर: छत्तीसगढ़ के 2200 करोड़ के शराब घोटाले में रायपुर के पूर्व मेयर एजाज ढेबर से पूछताछ के 6 घंटों बाद भी EOW को ज्यादातर सवालों का जवाब नहीं मिल पाया है। ये सवाल ढेबर बंधुओं की चल-अचल संपत्ति, आय के स्रोत और शराब घोटाले के बारे में पूछे गए थे। सूत्र तस्दीक करते है कि पूछताछ के दौरान ज्यादातर सवालों का जवाब देने के मामले में एजाज ढेबर बचते रहे। उन्होंने गिने-चुने सवालों का जवाब हाँ या ना में दिया। बताते है कि करीब 6 घंटे तक चली पूछताछ में एजाज ने स्वयं और परिजनों की प्रॉपर्टी, बैंक खातों में उनकी जमा रकम और निवेश के संबंध में सामान्य जानकारी दी।
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सूत्रों के मुताबिक, शराब घोटाले के सिंडीकेट और पूर्व मुख्यमंत्री समेत कई अधिकारियों की भूमिका के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी नहीं होना साफ़ किया। ढेबर ने घोटाले से इंकार करते हुए वसूली की रकम से लाभांवित होने के सवालों को भी सिरे से नकार दिया। हालांकि उन्होंने साफ किया कि घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने अपने और परिजनों के नाम की प्रॉपर्टी के दस्तावेजी साक्ष्य पेश कर खुद को बेगुनाह बताया।
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जानकारी के मुताबिक पूछताछ के लिए ढेबर अपने अधिवक्ता के साथ बुधवार दोपहर करीब 1 बजे EOW दफ्तर पहुंचे थे। जबकि पूछताछ के बाद रात करीब 8 बजे वापस लौटे। मीडिया से चर्चा करते हुए एजाज ने बताया कि पूछताछ के दौरान जो जानकारी मांगी गई, मैंने उन्हें बताया है, जांच में पूरा सहयोग कर रहा हूं, मैं किसी मामले में इन्वॉल्व नहीं हूं, इससे पहले ना में किसी मामले में इन्वॉल्व था और ना कभी आगे रहूंगा।
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छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू-एसीबी ने शराब घोटाले में दर्ज एफआइआर में बताया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश सरकार के कार्यकाल में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर ने सिंडिकेट के जरिए 2161 करोड़ रुपए के घोटाले को अंजाम दिया था। अनवर को ईओडब्ल्यू-एसीबी ने डुप्लीकेट होलोग्राम निर्माण में सहभागी पाया है। अनवर ढेबर के फार्म हाउस में एजेंसी ने जमीन खोदकर बड़े पैमाने पर डुप्लीकेट होलोग्राम जब्त किये थे।
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इस प्रकरण में ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिए 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर सीएसएमसीएल के जरिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया था। ED के मुताबिक, वर्ष 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने एपी त्रिपाठी को सीएसएमसीएल का एमडी बनवाकर अधिकारियों, कारोबारियों और रसूखदार लोगों के जरिए बड़े शराब घोटाले को अंजाम दिया। फ़िलहाल, सूत्र तस्दीक कर रहे है कि ACB-EOW पूर्व महापौर के बयानों से संतुष्ट नहीं है। उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है।
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