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निजामुद्दीन मरकज से कटघोरा आया था कोरोना संक्रमित तबलीगी किशोर , मस्जिद प्रबंधन ने छुपाई थी निजामुद्दीन से लौटे जमातियों की जानकारी

रिपोर्टर – गेंदलाल शुक्ला 

कोरबा / कटघोरा के जामा मस्जिद से शनिवार को जिस कोरोना संक्रमित किशोर को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया है, वह कामठी-महाराष्ट्र नहीं, बल्कि निजामुद्दीन-दिल्ली के मरकज से सीधे कटघोरा आया था। वह तबलीगी जमात के उस जत्थे में शामिल था, जो जलसा से पहले वहां से लौटा था। मस्जिद प्रबंधन ने निजामुद्दीन से लौटे जमातियों की जानकारी छुपाई थी।मस्जिद प्रबंधन की सूचना व संक्रमित किशोर के बयान के आधार पर जिला प्रशासन ने शनिवार को उसका मरकज कनेक्शन होने से इंकार किया था। लेकिन संक्रमित किशोर के मोबाइल नंबर के आधार पर प्रशासन-पुलिस ने सीडीआर व ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली तो स्थिति साफ  हो गई। 

एसडीओपी कटघोरा पंकज पटेल के मुताबिक संक्रमित युवक समेत कटघोरा की मस्जिदों में ठहरे जमातियों का ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है, जिसमें उनके मरकज कनेक्शन की बात सामने आ रही है। वह 28 फरवरी को निजामुद्दीन से उत्कल एक्सप्रेस से रवाना हुआ। ट्रेन 29 फरवरी को पेंड्रा रोड स्टेशन पहुंची। ये किशोर व अन्य वहां उतरे। इनके पेंड्रा से सड़क मार्ग से पसान मस्जिद होते हुए कटघोरा के जामा मस्जिद में पहुंचने का पता चला है। 

उल्लेखनीय है कि कटघोरा के जामा मस्जिद व पूछापारा मस्जिद में ठहरे 30 तबलीगी जमातियों के मरकज से लौटने के बाद भी मस्जिद प्रबंधक ने सही जानकारी छिपाई। बल्कि उनके कामठी.महाराष्ट्र से जत्था आने की गलत सूचना दी गई थी। जिस कारण प्रशासन ने शनिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में संक्रमित किशोर समेत जमातियों के मरकज के बजाए कामठी से आना बताया था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मस्जिद प्रबंधकों ने प्रशासन को सही जानकारी क्यों नहीं दी। राताखार मस्जिद में ठहरे जमातियों की सूचना भी नहीं दी गई थी। 

सूत्रों के अनुसार एक सप्ताह पहले कटघोरा के पुरानी बस्ती में रहने वाले जमात के एक नेता का निधन हो गया था। लॉकडाउन नियम के तहत मैयत में 20 लोगों को शामिल होना था। लेकिन वहां कटघोरा-कोरबा समेत आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। कटघोरा क्षेत्र में उक्त नेता के निधन को कोरोना वायरस से जोड़कर चर्चा चल रही है। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा होम क्वारेंटाइन करने के बाद भी वे कटघोरा समेत आसपास क्षेत्र में धार्मिक प्रचार व दावत में जाते रहे, जिसमें संक्रमित किशोर भी शामिल था। यहां तक कि वे आम लोगों की तरह कटघोरा में घूमते और दुकानों में सामान खरीदते भी रहे। मस्जिद में भी क्षेत्र के नमाजियों का आना जाना लगा था।

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मरकज मामला सामने आने के बाद ही मस्जिद के दरवाजे पर ताला लगाकर वे अंदर रुके थे। इस कारण कटघोरा क्षेत्र में कोरोना वायरस को लेकर पहले से ज्यादा भय है। राज्य कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की मेडिकल बुलेटिन के अनुसार जिले से अब तक कोरोना वायरस के संदेह में 95 लोगों के सैंपल जांच के लिए एम्स भेजा गया था, जिसमें से 93 के रिपोर्ट निगेटिव व 2 पॉजिटिव मिले हैं, जिनके सैंपल पॉजिटिव मिले हैं उसमें शहर के रामसागर पारा का युवक व कटघोरा के जामा मस्जिद में ठहरा तबलीगी जमात का किशोर है।

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