आर्थिक मंदी के चलते देश में वैसे ही कई उद्योग ठप हो चुके हैं । इसी बीच सरकार की लापरवाही के चलते क्रिटीकल स्थिति में प्रदूषण पहुंचने की वजह से अब नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने राज्य सरकार की औद्योगिक विकास योजनाओं को झटका देते हुए प्रदेश के 3 शहरों में नए उद्योग लगाने पर रोक दी है । इसमें रायपुर, कोरबा और भिलाई-दुर्ग में रेड व ऑरेंज श्रेणी के नए उद्योग एवं उद्योगों के विस्तार पर रोक लगा दी है । ऐसी रोक देश के अन्य 100 शहरों में लगाई गई है | जिसमें छत्तीसगढ़ के तीनों शहर के साथ मध्यप्रदेश के 6 और राजस्थान के चार शहर खतरनाक प्रदूषण की सूची में शामिल हैं । हालांकि एनजीटी के निर्देशानुसार ग्रीन और वाइट श्रेणी के साथ नियम मानने वाले उद्योग प्रतिबंध से बाहर रहेंगे ।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 2018 के सर्वे में 100 शहरों में प्रदूषण सूचकांक औसत काफी अधिक मिला है । जिसमें मध्यप्रदेश के 6 और छत्तीसगढ़ के 3 शहर खतरनाक प्रदूषण की सूची में शामिल हैं । एनजीटी ने इसी को आधार मानते हुए कहा है कि प्रदूषण फैला कर व्यापार करने का अधिकार किसी को नहीं है । वहीं एनजीटी ने राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण मंडलों को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसी इकाइयों पर कार्रवाई करें ।
एनजीटी ने प्रदुषण फ़ैलाने वाले औद्योगिक इकाइयों और पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के लिए दंडित करने के निर्देश राज्यों के प्रदुषण नियंत्रण मडंल को दिए है | साथ ही जिन शहरो का प्रदूषण स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच रहा है वहां एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए है |
रेड श्रेणी के प्रमुख उद्योग रेड श्रेणी में बड़े होटल, रासायनिक ऑटोमोबाइल उत्पादन, पावर उत्पादन प्लांट, दूध प्रसंस्करण, डेयरी उत्पाद,सीमेंट, खतरनाक वेस्ट रिसाइकिल, ऑयल व ग्रीस उत्पादन, लेड एसिड बैटरी, पेपर ब्लीचिंग, थर्मल पावर प्लांट व बूचडख़ाना जैसे उद्योग आते हैं । ऑरेंज श्रेणी के उद्योग अलमारी व ग्रिल बनाने की फैक्ट्री, 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक भवन निर्माण, प्रिंटिंग प्रेस, स्टोन क्रेशर्स, ट्रांसफार्मर मरम्मत, होट मिक्स प्लांट, नए हाइवे निर्माण प्रोजेक्ट ।