उपेंद्र डनसेना /
रायगढ़ / देश का सबसे बडा त्यौहार दीपावली बच्चों व महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहता है और ऐसे में समाज सेवा से जुडी सहयोग टीम ने उनकी खुशियों को दोगुना करने के लिए मिठाईयां, मिट्टी के दीये और पटाखे बांटकर उनके चेहरे पर चमक लाने की पहल की। लंबे समय से दीपावली के ठीक पहले शहर के निचले मोहल्लों में रहने वाले बच्चों व महिलाओं को इस बढ़ती महंगाई के चलते अपने घर में दीये जलाने तक का खर्च उठाने में काफी परेशानी होती है। इतना ही नही इनके परिवारों में रहने वाले बच्चे भी महंगे पटाखों से महरूम रहते हैं, लेकिन सहयोग टीम की प्रमुख मंजु अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ पहुंचकर जेल पारा स्थित मोहल्ले में सौ से अधिक बच्चों को पटाखे, मिठाईयां बांटकर अपनी दीपावली की शुरूआत की। इतना ही नही इसी बस्ती की 20 से अधिक महिलाओं को मिट्टी के दीये और बाती भी भेंट करते हुए दीपावली की शुभकामनाएं दी।
ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जब समाज सेवा से जुडी महिलाएं अचानक बिना किसी तैयारी के नन्हें बच्चों के बीच पहुंचकर उनकी खुशियों को दोगुना करते हुए उनके हाथों में पटाखे व मिठाईयां देती दिखती हो। साथ ही साथ गरीब तबके की महिलाओं को भी दीपावली के त्यौहार पर दीयो से उनका घर रोशनी से जगमगाए उसकी कमी को पूरा किया। सहयोग टीम की प्रमुख मंजु अग्रवाल का कहना है कि वे हर साल दीपावली से पहले नन्हें बच्चों के बीच पहुंचकर उनके साथ दीपावली की शुरूआत करती हैं और पटाखे व मिठाईयां देकर उनके साथ कुछ नया करने के लिए उनकी टीम पहुंचती है। सहयोग टीम को अपने बीच पाकर जेल पारा की महिलाओं व बच्चों में ख़ुशी का माहौल है |
दरअसल मंजु अग्रवाल, मीना अग्रवाल, सिप्रा शर्मा, श्वेता सिंह ने मिलकर यह कदम उठाया था , और हमेशा वे हर त्यौहार पर महिलाओं व बच्चों के बीच पहुंचकर उनके साथ खुशियां बांटने की कोशिश करते हैं।