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“कुकर्मों” से बच निकलने के लिए “डकैत” डीजी मुकेश गुप्ता का नया पैतरा | सभी मामले सीबीआई को सौंपने “अदालत” से की मांग |

रायपुर / छत्तीसगढ़ कैडर के “निलंबित” और “डकैत” डीजी मुकेश गुप्ता ने अपने अपराधों से बचने के लिए नया पैतरा खेला है | सीबीआई में पदस्थ अपने एक विश्वास पात्र पूर्व मातहत से संपर्क साधने के बाद इस कुख्यात आरोपी ने “सुप्रीम कोर्ट” में एक याचिका दायर की है | इस याचिका में आरोपी मुकेश गुप्ता ने अपने खिलाफ चल रहे सभी प्रकरणों को सीबीआई को सौंपने की मांग की है | उसे उम्मीद है कि किसी भी तरह से यदि मामला सीबीआई के हाथों में आ जायेगा तो वो बच निकलेगा | इसके लिए उसने लगभग दो महीने तक तानाबाना बुना था | अपने व्यक्तिगत और राजनैतिक संपर्कों को साधने के बाद इस कुख्यात आरोपी ने बच निकलने के लिए नयी चाल चली है | हालांकि “छत्तीसगढ़ पुलिस” मामले की निष्पक्ष जांच के लिए पूरी तरह से सक्षम है | वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कुख्यात आरोपी के कई अपराधों को लेकर प्राथमिक जांच पूरी कर “राज्य सरकार” को सौंप दी है | बताया जाता है कि यह कुख्यात आरोपी अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों के निपटारे और निलंबन समाप्त करने को लेकर “राजनैतिक” और “प्रशासनिक” गलियारों में उन “दलालों” की खोजबीन में जुटा रहा , जो “मोटी रकम” लेकर मामले को रफा-दफा कर सके | अंदेशा है कि आरोपी मुकेश गुप्ता “दाल” गलती ना देख नए “नुस्खे” को आजमाने में जुटा है | इसी के तहत उसने “सुप्रीम कोर्ट” में याचिका दायर कर “सीबीआई” को मामला सौंपे जाने की गुहार लगाई है | 

निलंबित “डकैत” डीजी मुकेश गुप्ता पर “नान” सहित “साडा” प्लाट आबंटन को लेकर गड़बड़ी के आरोप में FIR दर्ज की गई है। वही मिक्की मेहता की मौत मामले को लेकर एक जाँच भी की जा रही है। इन सारे प्रकरणों और जाँच को लेकर निलंबित IPS मुकेश गुप्ता ने “सुप्रीम कोर्ट” की शरण ली है और सभी मामलों को “राज्य सरकार” द्वारा प्रायोजित बताते हुए “रिट” में “राज्य सरकार” को सीधे पार्टी बनाया है। “सुप्रीम कोर्ट” ने “रिट” की सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षों को जवाब हेतु “नोटिस” जारी किया है। 

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