नई दिल्ली / रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। अब रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गई है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 5.15 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा आरबीआई ने जीडीपी अनुमानों में भी बदलाव किया है। पहले जीडीपी का 7 फीसदी रहने के अनुमान रखा गया था जिसे घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेतों के बीच रिजर्व बैंक आज बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती की है। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन पर पड़ेगा और ग्राहकों की ईएमआई कम होगी।
ब्याज दरों में कटौती का था दबाव
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) प्रणाली की बैठक सोमवार 5 अगस्त को शुरू हुई थी। ऐसा माना जा रहा था कि नकदी की स्थिति में सुधार और ब्याज दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए भी कदम उठा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बैंकों पर भी ग्राहकों को बड़ी राहत देने का दबाव होगा। एमपीसी की बैठक 5 से 7 अगस्त तक तीन दिन चलनी थी।
इतनी थी रेपो रेट
रिजर्व बैंक की रेपो दर 5.75 प्रतिशत पर थी जिसे घटाकर 5.40 फीसद कर दिया है। दिसंबर 2018 में शक्तिकांत दास के रिजर्व बैंक गवर्नर का पदभार संभालने के बाद फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की गई। उसके बाद चार अप्रैल 2019 को और फिर छह जून को हुई मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत कटौती की गई। अब आरबीआई लगातार चार बार रेपो रेट में कटौती कर चुकी है।
क्या होगा आप पर असर :-
आरबीआई के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है | दरअसल, आरबीआई के रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनेगा | बता दें कि आरबीआई के लगातार रेपो रेट घटाने के बाद भी बैंकों ने उम्मीद के मुताबिक ग्राहकों तक फायदा नहीं पहुंचाया है | यही वजह है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से रेपो दर में कटौती का लाभ कर्जदारों को देने को कहा था |
अहम बातें
– रेपो दर घटकर 5.40% हो गया है ।
– पहले 5.75% पर थी रिजर्व बैंक की रेपो रेट दर।
– 0.75% की कटौती पिछले तीन समीक्षा बैठक में हुई। अभ चौथी बार 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है।
– पहले रिवर्स रेपो रेट 5.50 फीसदी थी जिसे अब 5.15 फीसदी कर दिया है।
