VIDEO : छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग की निष्क्रियता से दिव्यांग शिक्षिका समेत आधा दर्जन से ज्यादा बच्चो का बुरा हाल |

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नईम खान / 

मुंगेली / छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के बोदा गांव के प्राथमिक स्कूल में शिक्षकों की तैनाती नहीं होने से छात्रों का बुरा हाल है | आधा सैकड़ा से ज्यादा छात्रों को एक मात्र शिक्षिका के भरोसे छोड़ दिया गया है | पिछले चार सालो से यह शिक्षिका अकेले कई घंटे खड़ी रहकर बच्चो को पढ़ाती  है | दिव्यांग होने की वजह से कई घंटो तक खड़े रहने से इस शिक्षिका का शरीर भी अब जवाब देने लगा है | शिक्षिकों की भारी भरकम तैनाती और गांव गांव में स्कूलों की स्थापना का दावा करने वाले शिक्षा विभाग को इस ओर ध्यान देने के जरुरत है |

स्कूल जाबो पढ़े बर-जिनगी ल गढ़े बर पर शायद यह स्लोगन मुंगेली जिले के प्राथमिक स्कूल बोदा में लागू नही होता वो भी इसलिए कि शिक्षा विभाग ने ऐसी व्यवस्था की है कि पिछले 4 सालों में 1 दिव्यांग शिक्षिका के भरोसे पूरे 50 बच्चो का भविष्य सौपा गया है सोचिए इस स्कूल में पाचवी कक्षा तक के बच्चे 1 शिक्षिका के भरोसे कैसे पढ़ाई करते होंगे और कही शिक्षिका को स्कूली कार्य या निजी कार्य के लिए स्कूल न आना पड़े ऐसी स्थिति में स्कूल में ताले लग जाते है | वर्ष 2016 में यह स्कूल 2 शिक्षिकों के भरोसे चल रहा था पर 1 शिक्षक के दुर्घटना से मृत्यु हो जाने से यह स्कूल तब से एकल शिक्षक के भरोसे चल रहा है |  जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है , इस स्कूल के बच्चे से लेकर शिक्षक सभी परेशान है |  ऐसा नही है कि इसकी जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को नही है कई बार स्कूल की शिक्षिका ने लिखित तौर पर शिकायत भी की है और विभाग द्वारा व्यवस्था के नाम पर शिक्षक भी भेजे गए पर मुख्यालय से काफी दूर और ग्रामीण अंचल में होने की वजह से कोई यहां जाना नही चाहता | सम्बंधित शिक्षक अपनी पहुच और पहचान की वजह से रोक लगवा लेते है, जिसकी वजह से काफी दिक्कत है और स्कूली बच्चे व शिक्षक परेशान है ।

जिले में ऐसे कई स्कूल है जो एकल शिक्षकीय के रूप में संचालित है व्यवस्था के तहत डीईओ ने शिक्षकों को संलग्न तो कर दिया लेकिन आज भी कई स्कूलों में शिक्षकों ने जॉइन नही किया है यही वजह है की बच्चो की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित है डीईओ ने साफतौर पर कहा है प्राथमिक स्कूल बोदा में जिस शिक्षक को भेजा गया है वो नही जाता तो बीईओ से प्रतिवेदन मंगवाकर कार्रवाई की जाएगी ।

स्थानांतरण नीति के तहत मुंगेली जिले से थोक में शिक्षकों का स्थानान्तरण तो हुआ पर जिले में उसके अनुपात शिक्षक नही पहुँच सके जिसकी वजह से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से डगमगा गया है | बहरहाल ऐसी स्थिति में देश के भविष्य कहे जाने वाले इन बच्चो की तालीम के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है | आखिर कब तक इन बच्चो को पर्याप्त शिक्षा और शिक्षक मिल पाएंगे यह एक बड़ा सवाल है | 

https://youtu.be/lk0vwDa2Jdg