नईम खान /
मुंगेली / छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है | आमजनों को इसका लाभ नही मिल पा रहा है | जिला बनने के 5 साल बाद नवनिर्मित जिला अस्पताल की तस्वीर बदलने की कोशिश तो की गई लेकिन आलम जस के तस है,,,हालात ऐसे है कि पिछले 1 माह से नए बिल्डिंग में पानी का रिसाव होने से आपरेशन का कार्य ठप पड़ा हुआ है जिससे यहां पहुचे मरीजो को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है | यही नहीं इसके चलते मरीजों को एक मोटी रकम निजी अस्पतालों में गवानी पड़ रही है |
वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ में 9 जिलों के गठन में मुंगेली जिले को भी शामिल किया गया था | जिला बनने के बाद लोगो को उम्मीदे थी कि यहाँ जो सुविधा है वो बेहतर होगी | इसी के तहत जिले बनने के 5 साल बाद नवनिर्मित भवन में 100 बिस्तर वाला जिला अस्पताल की सौगात मुंगेली वासियो को मिली और कुछ समय बाद ही आपरेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई | लेकिन पिछले 1 महीने से जिला अस्पताल में नए बिल्डिंग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई | यही वजह है कि बारिश होने की वजह से पानी का रिसाव आपरेशन थियेटर में होने से ऑपरेशन का कार्य ठप पड़ा हुआ है | जिससे यहाँ पहुचे आपरेशन की जरूरत वाले मरीजो को वापस उल्टे पाव लौटना पड़ रहा है | जिससे वो निजी अस्पतालों के रुख कर मोटी रकम गवा रहे है |

हाल ही में प्रसव के लिए पहुची मरीज को जिला अस्पताल में सुविधा नही मिली जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई | जिसपर कलेक्टर ने जिला अस्पताल प्रबंधन को फटकार भी लगाया | इससे तिलमिलाए ड्यूटी में तैनात डॉक्टर ने मरीज और उनके परिजन के साथ बदसलूकी की साथ ही उन्हें तुरंत रेफर कर दिया | मजबूरीवश परिजन उन्हें निजी अस्पताल ले आए , जहा आपरेशन से प्रसव कराया गया | जिससे उन्हें एक मोटी रकम का बिल अदा करना पड़ा | वही सिविल सर्जन भी हमेशा की तरह डॉक्टर व स्टाफ का बचाव करते नजर आए साथ ही आपरेशन की सुविधा जल्द से जल्द शुरू करने की बात की गई |
मामले की जानकारी जब सीएमएचओ के पास पहुची तो उन्होंने जल्द से जल्द व्यवस्थाओं में सुधार करने की बात कही साथ ही दुर्र्व्यव्हार करने वाले डॉक्टरों को हिदायत देने की बात कही साथ ही जिला अस्पताल की बिल्डिंग बनाने वाले सम्बंधित ठेकेदार को नोटिस देने की बात कही।

रेफर सेंटर के नाम से जाने जाना वाला जिला अस्पताल आए दिन किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता है | यहां आए मरीजो को स्वास्थ्य सुविधाओ के नाम पर काफी तकलीफ होती है, साथ ही अस्पताल प्रबंधन के व्यवहार पर भी सवाल उठते रहते है | वही ज्वलन्त मामला यह की आखिर अस्पताल में आपरेशन की सुविधा फिर कब अपने मार्ग पर आएगी जिससे आपरेशन के लिए पहुचने वाले मरीजो को इसका लाभ मिल सकेगा , यह एक बड़ा सवाल है |
