बिलासपुर / छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सेंट्रल जेल रायपुर में बंद जल संसाधन विभाग के निलंबित अधिकारी आलोक अग्रवाल को 4 साल के लंबे अंतराल के बाद आखिकार जमानत दे दी है | आलोक अग्रवाल को एंटी करप्शन ब्यूरो ने 2015 में गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया था। वे कोर्ट से लगातार जमानत पर रिहाई की मांग कर रहे थे, उन्हें राहत पाचवीं जमानत आवेदन के बाद मिली है।
ईओडब्ल्यू व एसीबी ने 2014 में जल संसाधन विभाग के बिलासपुर कार्यालय में पदस्थ प्रभारी ईई आलोक अग्रवाल, उनके भाई पवन अग्रवाल, भागीदार अभीष स्वामी सहित पत्नी, मां व पिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का प्रकरण दर्ज किया। उनके पास से 32 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। ईई अग्रवाल को मार्च 2015 में गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया था। बीच में उन्हें उपचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से अस्थाई जमानत पर छोड़ा गया था। मामले में आलोक अग्रवाल ने एसीबी के तत्कालीन एडीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ शिकायत की है। इसमें फर्जी दस्तावेज तैयार करना, गलत तरीके फोन टेपिंग व गलत कार्रवाई करने की शिकायत की। इस पर मुकेश गुप्ता के खिलाफ अपराध पंजीबद्घ किया गया। अधिवक्ता पीयूष भाटिया ने उक्त दस्तावेज के साथ आलोक अग्रवाल को नियमित जमानत प्रदान करने हाई कोर्ट में आवेदन पेश किया। दस्तावेज के अवलोकन उपरांत हाई कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत प्रदान किया है।
