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छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी , 46 से घटकर रह गए 19 |

रायपुर / वर्ल्ड टाइगर डे के मौके पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में की गई बाघों की गणना के आंकड़े जारी किए।  इसके मुताबिक देश में बाघों की संख्या 2,967 पहुंच गई है। देश में जहां बाघों की संख्या में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी आई है। बांघों की संख्या के मामले में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर नहीं है | छत्तीसगढ़ में बाघों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। वर्ष 2014 में हुई बाघों की गणना में प्रदेश के अभयारण्यों में कुल 46 बाघों की संख्या दर्ज की गई थी। वहीं इस वर्ष हुई गणना में बाघों की संख्या घटकर 19 रह गई है। 

छत्तीसगढ़ के वन विभाग के अधिकारियों का दावा था कि इस वर्ष की गणना में भी बाघों की संख्या में इजाफा होगा, लेकिन एनटीसीए से जारी आंकड़ों ने वन विभाग के अधिकारियों की पोल खोलकर रख दी है | प्रदेश में बाघों की संख्या में अचानक गिरावट आने से वन विभाग में भी सन्नााटा पसर गया है | अधिकारी अब इसकी समीक्षा की बात कह रहे हैं | प्रदेश में पिछले महीनों देहरादून की संस्था ने प्रदेश में बाघों की गणना की थी, जिसमें अचानक मार्ग टाइगर रिजर्व क्षेत्र, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और इंद्वावती टाइगर रिजर्व इसके साथ ही गुरु घासीदास, भोरमदेव आदि में वैज्ञानिक पद्धति से तो कुछ जगहों में बाघों के मल को देखकर गणना की गई। गणना के मुताबिक बाघों की संख्या घट गई है, लेकिन एनटीसीए द्वारा जारी आंकड़े ने विभाग की आंखें खोल दी हैं   

रिपोर्ट के मुताबिक बाघों की संख्या सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में बढ़ी है। यहां 2014 में 308 बाघ थे, जो बढ़कर 526 हो गए। 524 बाघों के साथ कर्नाटक दूसरे और 442 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर रहा। महाराष्ट्र में भी बाघों की संख्या 190 से बढ़कर 312 हो गई। छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और ओडिशा ऐसे राज्य हैं, जहां बाघाें की संख्या कम हुई है।   

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