कोरबा | भारतीय रिर्जव बैंक का साफ निर्देश है कि उसके द्वारा जारी किए गए सिक्के चलन में हैं और कोई व्यापारी या संस्था लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा के अपमान संबंधी अधिनियम के तहत कार्रवाई किया जा सकता है, लेकिन रिर्जव बैंक के इस निर्देश को विद्युत विभाग की वितरण कंपनी ठेंगा दिखा रही है । एक उपभोक्ता जब कंपनी द्वारा जारी बिल का भुगतान करने सिक्के लेकर तुलसी नगर जोन कार्यालय पहुंचा तो वहां मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उसे लेने से इंकार कर दिया । जिसके कारण उपभोक्ता को सिक्कों को लेकर इधर-उधर भटकना पड़ा और परिशानियों का सामान करना पड़ा ।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के तुलसी नगर जोन द्वारा हिन्दुस्तान क्लाथ स्टोर मुख्य मार्ग कोरबा के नाम पर 67 हजार 730 रूपए का बिल जारी किया गया है । इस बिल को पटाने के लिए जब उसका संचालक एक-एक, दो-दो रुपए का सिक्का कुल 42 हजार व 500-500 रुपए का नोट लेकर विद्युत विभाग का कार्यलय पहुंचा तो वहां मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों ने सिक्का को लेने से इंकार कर दिया और इसके बदले नोट लाने को कहा । जिसकी वजह से उपभोक्ता को सिक्कों को लेकर इधर-उधर भटकना पड़ा और परिशानियों का सामान करना पड़ा ।
गौरतलब है कि उपभोक्ता के पास सिक्के ही थे । सिक्कों के बदले उसने नोट देने के लिए कई लोगों से आग्रह किया, किन्तु किसी ने नोट नहीं दिया । फलस्वरूप सिक्कों से बोरी में भरकर बिल पटाने पहुंच गया किन्तु वहां भी उसे निराशा हाथ लगी और अधिकारियों व कर्मचारियों ने सिक्के लेने से इंकार कर दिया । जिससे उपभोक्ता में काफी नाराजगी है ।
