बिलासपुर | छत्तीसगढ़ “हाईकोर्ट” ने कई गंभीर मामलों के आरोपी और डकैत डीजी मुकेश गुप्ता की “अग्रिम जमानत” याचिका ख़ारिज कर दी है | इसके बाद आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है ? दरअसल आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ दर्ज तीनो ही FIR में “रोक” की कार्र्रवाई के निर्देश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिए है | लेकिन उसकी “गिरफ्तारी” पर रोक नहीं लगाईं है | पुलिस रिकॉर्ड में आरोपी अब भी “वांटेड” है | कानून के जानकर पुलिस अफसरों की माने तो आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ दर्ज FIR में सिर्फ “अग्रिम” विवेचना को अदालत के निर्देश पर रोक दिया गया है | लेकिन मुजरिम की गिरफ्तारी को लेकर कोई भी निर्देश अदालत से प्राप्त नहीं हुए है | लिहाजा साफ है कि उसकी गिरफ्तारी से कोई इंकार नहीं | अधिकारियो की माने तो मुकेश गुप्ता अब भी ” वांटेड” है , उसके खिलाफ दर्ज मामलो की सिर्फ आगे की विवेचना पर ” रोक” लगी है | लेकिन “जितनी विवेचना” हो चुकी है ,उसके तहत आरोपी की गिरफ्तारी नितांत आवश्यक है | उसेक खिलाफ गिरफ्तारी हेतु पर्याप्त साक्ष्य भी मौजूद है | गिरफ्तारी नहीं होने की सूरत में यह कुख्यात आरोपी जांच को प्रभावित करेगा | यही नहीं गवाहों को भी डराने धमकाने से नहीं चूकेगा | कानून के जानकार पुलिस अधिकारियो के मुताबिक आरोपी मुकेश गुप्ता को गिरफ्तार कर न्यालय में पेश कर पुलिस अपना पक्ष “जज साहब” के समक्ष रख सकती है | अधिकारियों की माने तो आरोपी की अब “अग्रिम” जमानत ख़ारिज हो चुकी है , और सुप्रीम कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक को लेकर कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है | इन अफसरों का मानना है कि आरोपी “कुख्यात और प्रभावशील” है , इसलिए उसका “आजाद” घूमना अब तक हो चुकी विवेचना को प्रभावित करेगा | कानून की अच्छी -खासी जानकारी रखने वाले पुलिस अफसरों का मत है कि आरोपी की गिरफ्तारी के तत्काल बाद पुलिस उसे अदालत में पेश कर मामला अदालत के स्वविवेक पर छोड़ सकती है |
शुक्रवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आरोपी मुकेश गुप्ता की “लंबित अग्रिम जमानत” याचिका ख़ारिज करने का फैसला दे दिया | न्यायमूर्ति आरसी सामंत ने आरोपी की “अग्रिम जमानत” याचिका की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था | आपको यह भी बतादें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की जिस “अदालत” से आरोपी मुकेश गुप्ता की “अग्रिम जमानत” याचिका ख़ारिज हुई है ,वो वही “जज” साहब है जिन्होंने आरोपी की बगैर “केस डायरी” देखे उसके पक्ष में “नो कोरेसिव एक्शन” जैसी इबारत लिखी थी | इस सुनवाई के पूरी होने के लगभग दो हफ्ते बाद आए इस फैसले से “क़ानूनविदो” के बीच भी अच्छी -खासी बहस छिड़ गई है | दरअसल छत्तीसगढ़ “हाईकोर्ट” से आरोपी मुकेश गुप्ता की “अग्रिम जमानत” याचिका ख़ारिज होने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ तीन अलग -अलग मामलो में दर्ज FIR पर की जा रही विवेचना पर “रोक” लगाने का फैसला दिया था | लेकिन इस फैसले में आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर रोक जैसे कोई निर्देश पुलिस को नहीं दिए है |
बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट से आरोपी मुकेश गुप्ता की “अग्रिम जमानत” याचिका ख़ारिज होने के उपरांत उसकी गिरफ्तारी को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है | इस कुख्यात आरोपी के “मददगार” एवं उसे गिरफ्तारी से “बचाने” में जुटे आला पुलिस अधिकारियो और कर्मियों की शिनाख्ती भी कर ली गई है | फिलहाल तमाम क़ानूनी पहलुओं पर विचार विमर्श करने के उपरांत संभव है कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए नए अफसरों और नई टीम का गठन किया जा सकता है ?