कटनी। अबला कही जाने वाली नारी जब समाज में चल रही रूढ़ियों के बंधन को तोड़ती है तो हर दायित्व का निर्वाहन बखूबी कर कर लेती है । ऐसा ही एक उदाहरण आज कटनी जिले में देखने को मिला । जब विजयराघवगढ़ तहसील में महिलाओं ने अपनी साथी की असमय मृत्यु पर वो कर दिखाया जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती । दरअसल इस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के अंतिम यात्रा में सभी महिला कार्यक्रतयाओं ने दिवंगत की अर्थी को कांधा देकर अपने साथी के प्रति अविस्मरणीय अंतिम फर्ज को निभाया । साथ ही अंतिम संस्कार का समूचा खर्च भी वहन किया ।
बताया जाता है विजयराघवगढ़ विकास खंड के ग्राम पंचायत अमेहटा की आंगनबाड़ी तीन की आंगनबाड़ी सहायिका प्रेमा बाई कोल की बुधवार की रात अचानक हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई । प्रेमा बाई के पति बाबू लाल कोल कई साल से बीमार है । प्रेमा के दस वर्ष का एक बेटा व पंद्रह वर्ष की एक बेटी है , बच्चो की परवरिश एवं पति की दवाई का खर्च सहित घर की जिम्मेदारी प्रेमा बाई के कंधों पर ही थी । घर की आर्थिक स्थिति भी बेहद कमजोर है । जब अपनी सहायिका के गुजर जाने की खबर सहयोगी कार्यकर्ताओं को मिली तो उन्होंने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शुशीला शर्मा, श्यामली डे, छवि माया थापा, कल्पना तिवारी, सहायिका नीता पाठक,अनिता सिंह,गीता बर्मन आदि सबने मिलकर अंतिम संस्कार की क्रिया में होने वाले खर्च को मिलजुलकर पूरा किया व अपने सहयोगी को कंधा देकर नम आंखों से विदाई दी ।
