अल्पवर्षा से चितिंत किसानो को राहत देने के लिए गंगरेल बांध से छोड़ा गया पानी |

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रायपुर | छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रो में अल्पवर्षा के कारण सूखे की स्थिति निर्मित हो गई है | छत्तीसगढ़ सरकार ने अल्पवर्षा के चलते मुसीबत में फंसे किसानों को बड़ी राहत  देने की कोशिश की है |  सरकार ने फसलों को सूखने से बचाने के लिए बांधों से पानी छोड़ने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए है | विभागीय मंत्री रविन्द्र चौबे के निर्देश के बाद विभाग ने अब बांध से पानी छोड़े जाने की तैयारी पूरी कर ली है ।

गौरतलब है कि अल्पवर्षा के चलते प्रदेश के कई जिलों के किसान सूखे की से परेशान हैं |  पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण किसान धान फसल को लेकर काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं, आसमान से बारिश की उम्मीद कम नजर आने के कारण किसान अब बांधों के ऊपर आस लगाए बैठे हैं | 

 इस मुश्किल घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार भी  किसानों के  साथ दिखाई दे रही है, जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने आरंग में कर्ज माफी तिहार के दौरान जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता को निर्देशित किया था कि बांधों में आरक्षित पानी को छोड़कर सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाए, शासन के निर्देशानुसार शनिवार को सुबह 9:30 में गंगरेल बांध के आठ नंबर रेडियल गेट को खोल दिया गया है |  जहां से प्रारंभिक तौर पर 507 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रुद्री बराज के लिए किया जा रहा है | रुद्री बराज से महानदी मुख्य नहर के जरिए किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा |  

जानकरी के अनुसार 16 अगस्त की स्थिति में महानदी परियोजना समूह के तीनों जलाशय रविशंकर सागर जलाशय, मुरूमसिल्ली जलाशय एवं दुधावा जलाशयों में क्रमश: 344.89 मि.घ.मी. 44.89 प्रतिशत, 51.74 मि.घ.मी. 31.94 प्रतिशत तथा 108.75 मि.घ.मी. 38.28 प्रतिशत जल भराव उपलब्ध है ।  इस प्रकार तीनों जलाशयों में कुल 504.77 मि.घ.मी. जल भराव है जबकि गत वर्ष इसी अवधि में उपरोक्त तीनों जलाशयों में कुल 815.88 मि.घ.मी. जल भराव था । राज्य में अब तक हुई अल्पवर्षा से जहां कृषक वर्ग बेहाल और चिंतित हैं तो वहीं अब शासन-प्रशासन भी आने वाले दिनों में होने वाली परेशानियों को लेकर चिंतित नजर आ रहा है | लेकिन फसलों को बचाने कम पानी होने के बाद भी बांध के गेट खोलने की मजबूरी इस साल पड़ गई है  |