उपेन्द्र डनसेना
रायगढ़। कापू क्षेत्र के लिप्ती गांव में करीब आठ साल पहले बंधनपुर व्यपवर्तन योजना के लिए वर्ष 2011 में करीब 50 किसानों की कई एकड जमीन अधिग्रहित की गई थी । मगर पिछले आठ सालों से ये प्रभावित किसान मुआवजे की बाट जोहते हुए विभागों के चक्कर काट रहे हैं । इन्हें अब तक मुआवजा राशि नही मिला है। इन प्रभावित किसानों ने आज जिलाधीश से मिलकर उनके लंबित मुआवजे की भुगतान के साथ-साथ क्षतिपूर्ति के रूप में भी अतिरिक्त मुआवजे की मांग उठाई है।
कापू थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लिप्ती गांव के पीडि़त किसानों में से बाल किशन अग्रवाल, सोनकेराम यादव, भगवानो यादव, पवन अग्रवाल, दुलेश्वर यादव आदि ने बताया कि उनके गांव के लगभग 52 किसानों की जमीन वर्ष 2011 में बंधनपुर व्यपवर्तन योजना के तहत अधिग्रहित कर ली गई थी। वर्ष 2014 में नहर निर्माण का काम शुरू हुआ जिसके बाद अधिग्रहित जमीन के प्रभावित किसानों के लिए लगभग साढ़े 4 करोड़ की मुआवजा राशि का प्रकरण बनाया गया। तत्पश्चात धारा 4 व 19 का प्रकाशन भी कराया जा चुका है। मगर क्षेत्र के प्रभावित किसान अब तक अपने मुआवजा राशि से वंचित हैं और अधिग्रहण तथा नहर निर्माण के कारण उन्हें खेती किसानी से भी वंचित होना पडा है। किसानों का आरोप है कि आठ साल पहले जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजा राशि का निर्धारण करने में शासन स्तर पर घोर लापरवाही बरती गई है। वहीं अब तक वे उचित मुआवजे के लिए दफ्तर दर दफ्तर भटकने को मजबूर है। इन प्रभावित किसानों ने आज जिलाधीश को इस आशय का ज्ञापन सौंपते हुए उनके लिए निर्धारण किए गए मुआवजा राशि के साथ-साथ आर्थिक नुकसानी के लिए क्षतिपूर्ति स्वरूप अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है।
और लगेंगे दो से तीन माह
। हमारे संवाददाता ने इस संबंध में जब क्षेत्रीय भूमिअधिग्रहण अधिकारी एसडीएम धरमजयगढ़ नंदकुमार चौबे से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि प्रभावित किसानों के लिए मुआवजा राशि के निर्धारण में ही देरी हुई है। वर्तमान में धारा 4 व 19 के बाद अब धारा 21 का प्रकाशन होना है। तत्पश्चात आवार्ड पारित होनें के बाद ही मुआवजा राशि का वितरण संभव है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भू-अर्जन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है और इस कार्रवाई में तीन से चार माह का समय लग सकता है। जिसके बाद ही प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का वितरण संभव हो सकता है।