
रायपुर | धनतेरस व दीपावली को लेकर बाजार गुलजार हो गया है । पिछले कुछ दिनों से मंदी के बाद पर्व को लेकर बाजार में अचानक तेजी आ गयी है । वाहन, इलेक्ट्रॉनिक, बर्तन , सराफा बाजारख् पूजा सामग्री व मिठाई दुकानों में खूब खरीदारी हो रही है । सभी दुकानों में विभिन्न प्रकार के ऑफर भी दिये जा रहे हैं | दीपावली का प्रारंभ धनतेरस से माना जाता है, इस बार आज 25 अक्टूबर को धनतेरस का त्यौहार है | धनतेरस के दिन राजधानी रायपुर में सुबह से ही बाजार पूरी तरह सजे नजर आ रहे है | गोलबाजार में लोग बर्तन और मिट्टी के दीयों के साथ ही लक्ष्मी-गणेश की मिट्टी की मूर्तियां,घरों की सजावट के लिए मोमबत्ती, लाइट और पटाखे खऱीद रहे हैं | बारिश होने की वजह से बाजारों में थोड़ा प्रभाव देखा गया है, लेकिन जिस तरह से आज भीड दिख रही है | उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार कारोबारी आसमान छूने वाली है | शहर की सोने चांदी की दुकानों पर भी लोगों की जमकर भीड़ देखी जा रही है. खासकर सोने और चांदी के सिक्के लोग सबसे ज्यादा खरीद रहे हैं |
छत्तीसगढ़ में इस बार कुंम्हारो के चाक चौबीसौ घंटो चल रहे है । खासतौर पर वो मिटटी के दिए बना रहे है । इसके अलावा गणेश और लक्ष्मी जी की मिटटी की मूर्तियां भी गढ़ी जा रही है । बाजार में दोनों की खूब मांग है । चाइनीज आयटमो के खिलाफ सोशल मिडिया में छेड़ी गयी मुहीम में एक कदम और आगे बढ़ाया है । अब चाइनीज को सबक सिखाने वालो ने खुद अपनी जेब भी ढीली करना शुरू कर दिया है । ये लोग अपनी जमा पूंजी से मिटटी के दिये और दूसरी वस्तुए लोगो को मुफ्त में भेट कर रहे है । ताकि उन पर किसी भी तरह का वित्तीय भार ना पड़ सके । दरअसल लोगो के बीच यह बात आम हुई है कि चाइनीज प्रोडक्ट भारतीय प्रोडक्ट की तुलना में काफी महंगे है । इसलिए भारतीय इनके बजाये चाइनीज प्रोडक्ट खरीदते है । इस मुहीम ने जोर पकड़ा है , और चाइनीज विरोधी कई संगठन व आम लोग अपनी जमा पूंजी से लोगो को दीपावली में भारतीय प्रोडक्ट मुफ्त में बाट रहे है । फिलहाल चाइनीज वस्तुओ के बहिष्कार के चलते लोग कुम्हारो से तैयार देशी सामानों को हाथो हाथ ले रहे है ।
एक लाख मिट्टी के दिए का किया गया वितरण
रायपुर के तेलीबांधा इलाके में मिटटी से बने दिए मुफ्त में बाटे जा रहे है । लोगो को मिटटी के दिए खरीदने नहीं पढ़ रहे है , बल्कि उन्हें ये उपहार स्वरुप मिल रहे है । उपहार देने वाले लोग चीनी सामान का बहिष्कार करने में जुटे है । लिहाजा उन्होंने मिटटी के दिए मुफ्त बाटने का फैसला किया है । रायपुर के दर्जनों इलाको में इस तरह के स्टॉल लगा कर मिटटी के दिए बाटने का सिलसिला शुरू हुआ है , जो दीपावली की शाम तक चलेगा । हर कोई दिए ले रहा है । यह सोच कर नहीं की ये मुफ्त में मिल रहे है । बल्कि इन दीयों से उन्हें अपने देश की मिटटी की खुसबू आ रही है । रोजाना लाखो दिए मुफ्त में मुहैया कराये जा रहे है । लोगो को उम्मीद है कि इस बाद देशी दीयों से उनकी दीपावली जगमग होगी । और चीन को करारा जवाब मिलेगा । लोगो का मानना है कि उनकी इस मुहीम से इस त्योहारी सीजन में लोग स्वदेशी वस्तुओ को बड़ी तेजी से अपना भी रहे है । इसके चलते बेरोजगार हो चुके किसानों को बाजार मिलने लगा है ।
उधर देशी दीयों की जबरदस्त मांग के चलते कुम्हारो के चाक चौबीसौ घंटे चल रहे है। हाल यह है कि कुम्हारो को सुस्ताने तक का वक्त नहीं मिल रहा है । कई सालो बाद उन्हें ऐसे दिन देखने पड़ रहे है । कुंम्हरो को उम्मदी ही नहीं थी कि देशी वस्तुओ के प्रति लोगो का रुझान फिर कभी लौट के आएगा । कुम्हारो को राहत देने के लिए सरकार ने कुम्हारो के व्यवसाय को पूरी तरह से टैक्स फ्री कर दिया है । उन्हें किसी भी तरह का विक्रय कर नहीं देना होगा । यही नहीं किसानों के चौबीसो घंटे चल रहे चाक को देख कर सरकार भी गद गद है । छत्तीसगढ़ में दो लाख से ज्यादा कुम्हारो के परिवार है । ये परिवार पूरी तरह से आर्थिक रूप से सिर्फ इन्ही चाको पर निर्भर है । यही इनकी औद्योगिग इकाई है । जब चाक नहीं चलते तो कुम्हारो को मजदूरी करनी पड़ती है । उन्हें रोगजार से लेकर पेट भरने तक के लाले पड़े रहते है । लेकिन इस चाइनीज सामानों के बहिष्कार और स्वदेशी प्रेम ने इनकी दीपावली जगमग कर दी है ।