प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी ,हितग्राही के खाते में पहुंची तीन क़िस्त ,लेकिन हितग्राही को नहीं मिली एक भी क़िस्त |

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पिथौरा | छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर हो रहे गड़बड़झाला सामने आया है  |  प्रशासन ने हैरत जाहिर की है कि प्रधानमंत्री आवास योजना भी धोखा धड़ी का जरिया बन गयी |  ताजा मामला ग्राम सरकड़ा की एक महिला हितग्राही की तीनों किस्तें भुगतान हो चुकी हैं, लेकिन हितग्राही के खाते में एक भी किश्त नही पहुंची |  आश्चर्य कि आवास की मजदूरी 9029 रुपये किस्तों में मजदूर के खाते में पहुंच चुके हैं |  इस मामले ने पूरी योजना के ईमानदारी से चलने पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है । पीड़ित हितग्राहियों ने जिसकी शिकायत जनपद अधिकारी से की है ,लेकिन कही से उन्हें कोई राहत नही मिल पा रही है | 


 सरकड़ा निवासी 80 वर्षीय भगवती  बताया कि प्रधानमन्त्री आवास योजना के तहत 1 कमरा 2018- 19 में स्वीकृत हुआ था । उन्हें 29 जून 2018 को पहला क़िस्त निकालने की जानकारी देकर काम चालू करने कहा गया ।  जिसके बाद भगवती ने अपना पुराना कच्चा मकान तोड़कर नया मकान बनाने लगे । हालांकि उनके खाते में पहली किस्त के 35000 रुपये नही मिले थे, तब भगवती ने इसकी सूचना जनपद अधिकारी को दी थी | परन्तु वहां यह कहा गया कि काम चालू रखें, क़िस्त जल्दी जमा कर दी जाएगी । इसके बाद दूसरी क़िस्त 40000 रुपये और  तीसरी क़िस्त 30000 भी कथित तौर पर हितग्राही के खाते में डाल दिये गए ,लेकिन महिला हितग्राही के खाते में यह राशि शो नही हो रही है |  


अब यह सवाल उठता है कि जब हितग्राही के खाते में पहली किस्त ही नही पहुच पाई तब उसी खाते में दूसरी ओर तीसरी किस्तें क्यों डाली गई । पहली किस्त यदि गलत नंबर पर गयी तो बाकी किस्तों को कम से कम सही नंबर में डालना जरूरी था |  परन्तु जनपद कर्मियों ने ऐसा क्यों नही किया यह जांच का विषय है | जबकि जनपद के ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार भगवती की पहली किस्त 35 हजार 29 जून 18 को, दूसरी क़िस्त 45 हजार 11 अक्टूबर 18 को एवम तीसरी क़िस्त 30 हजार रुपये 22 नवम्बर 2018 को भेजना बताया जा रहा है |  जनपद में पदस्थ प्रधानमंत्री आवास प्रभारी तेजेन्द्र साहू ने बताया कि उक्त मामले में टेक्निकल त्रुटि है ,जिसे फाल्स क्रेडिट कहा जाता है । ऐसे अब तक 102 मामले हो चुके हैं |