रायपुर । पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति के मामले में 1हाईपॉवर कमेटी के जाति हाई पावर कमेटी ने निरस्त कर दी है । बतादे कि 20 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी हाईपॉवर कमेटी के सामने पेश हुए थे और अपना पक्ष रखा था, उसके बाद कमेटी ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था । आज देर शाम हाईपावर ने अपना फैसला सुना दिया ।
अपनी रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है । हाईपॉवर कमेटी ने अजीत जोगी के सभी जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया है। कमेटी ने तय किया है कि जोगी को अनुसूचित जनजाति के लाभ की पात्रता नहीं होगी । हाईपावर कमेटी ने छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के नियम 23 (3) एवं 24 (1) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही के लिए बिलासपुर कलेक्टर को निर्देशित किया है । वहीं नियम 2013 के नियम 23(5) के प्रावधानों के तहत उप पुलिस अधीक्षक को प्रमाण पत्र जप्त करने के निर्देश दिए ।
इससे पहले रमन सिंह के कार्यकाल के वक्त में भी अजीत जोगी की जाति को लेकर हाई पॉवर कमेटी बनी थी । रीना बाबा साहब कंगाले के नेतृत्व में बनी कमेटी को तब पूर्व मुख्यमत्री अजीत जोगी ने ये कहकर चुनौती हाईकोर्ट में दे दी थी कि रीना बाबा कंगाले की कमेटी कोरम नहीं पूरा करती । रिपोर्ट में कई जगहों पर रीना बाबा ने खुद ही हस्ताक्षर किया था ।
हाईकोर्ट ने इस मामले में दोबारा से हाई पॉवर कमेटी बनाने का निर्देश दिया था । भूपेश सरकार ने इस मामले में डीडी सिंह की अधय्क्षता में हाई पॉवर कमिटी बनायी थी । जिसने आज ये फैसला लिया है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं है ।
