झारखंड | आज भी कई लोग विचारों और दृष्टिकोण को लेकर बहुत पिछड़े हैं | इंसान भले ही चांद पर पहुंच गया हो और भारत 21वीं सदी में दुनिया के सबसे प्रभावशाली देशों में से एक के रूप में उभर रहा हो । इसके बावजूद देश के कई ऐसे हिस्से हैं जहां हमारे समाज के कुछ लोग 21वीं सदी में भी अंधविश्वास की बेड़ियों से जकड़े हैं | यही वजह है कि कभी ‘काला जादू’ तो कभी ‘टोना-टोटका’ के नाम पर निर्दोष लोगों की जान लेने जैसी ख़बरें यहां से आती रहती हैं |
ऐसी ही मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना में झारखंड के गढ़वा से सामने आई है | बताया जा रहा है कोंदिरा गांव की एक अधेड़ महिला रूदनी देवी पिछले कई दिनों से बीमार थी | इस महिला को उसके परिजन डॉक्टर को दिखाने की जगह तांत्रिक दंपती के पास ले गए | आलम देवी और सत्येंद्र ओरान नाम के इस दंपती ने रूदनी देवी के परिजनों को बताया कि उस पर किसी बुरी आत्मा का साया है | तांत्रिक दंपती ने इलाज के नाम पर त्रिशूल से जहां रूदनी देवी के शरीर को गोदा, वहीं उसकी आंख को भी बाहर निकाल लिया | रूदनी देवी इलाज के नाम पर इस क्रूरता को अधिक देर नहीं झेल सकी और दम तोड़ दिया |
जानकारी के अनुसार रूदनी देवी की मौत के बाद परिजन उसके शव को जल्दी से ठिकाने लगाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे | और पुलिस मौके पर पहुंच गई | इसके बाद पुलिस रूदनी देवी के परिजनों और तांत्रिक दंपती को गिरफ्तार कर लिया है | एसडीपीओ नीरज तिवारी ने इस घटना पर कहा कि क़ानून अपना काम करेगा | हम दूरदराज के क्षेत्रों और गांवों के लोगों की अंधविश्वासों के खिलाफ लगातार काउंसलिंग करते रहते हैं | लेकिन कई लोग पुराने तौरतरीकों से निकलने को तैयार नहीं |