हिरासत में एक और मौत ,बाल संप्रेक्षण गृह में बंद एक नाबालिग ने लगाई फांसी |

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बिलासपुर | पुलिस हिरासत में मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है |  बिलासपुर में चोरी के आरोप में  बाल संप्रेक्षण गृह में बंद एक नाबालिग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है |  नाबालिग को कुछ दिनों पहले चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था । आत्महत्या का कारण का अभी पता नहीं चल पाया है | फिलहाल इस मामले की जांच में पुलिस लग गई है ​कि किन कारणों से नाबालिग ने फांसी लगाई है ।   

बताया जा रहा है कि कुछ दिनो पहले सरकंडा निवासी एक नाबालिग को चोरी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था । उसे बाल संप्रेक्षण गृह में भेजा गया था । शनिवार को बाल संप्रेक्षण गृह के एक कमरे में उक्त बालक का शव फांसी पर लटकते मिला । नाबालिक कैलाश को यूं लटका दें बाल संप्रेषण गृह में भय का माहौल बन गया और दूसरे बाल कैदियों ने इसकी सूचना संप्रेषण गिरी में मौजूद अधिकारी को दी आनन-फानन में पुलिस को सूचना देकर 100 को संदेश से उतारा गया इस पूरे मामले में मृतक नाबालिक के पिता राजेश यादव ने स्पष्ट शब्दों में बाल संप्रेषण गृह प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं । उनकी माने तो अगर सावधानी बरती जाती और सुरक्षा के उपाय अपनाए जाते तो आज उनका बेटा जिंदा होता । अब बाल संप्रेषण गृह के प्रबंधन को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि किसी और के बच्चे की मौत इस तरह से ना हो । 

नाबालिग के यू आत्महत्या करने की प्रबंधन को जानकारी हुई, तो आनन-फानन में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई । आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, और बालक ने आत्महत्या क्यों की, इस बात की जांच की जा रही है बिलासपुर पुलिस के एडिशनल एसपी से मिली जानकारी के अनुसार अब इस मामले में जांच की जा रही है और जांच रिपोर्ट के बाद ही यह तय किया जाएगा कि कौन इसके लिए जिम्मेदार है ।  

बिलासपुर बाल संप्रेषण गृह लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है । इससे पहले भी इस तरह की गड़बड़ियां सामने आती रही हैं । इससे पहले भी कई बाल अपराधी संप्रेषण क्रीम में रहते हुए ही कई तरह की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं मसलन बिना इजाजत या जानकारी के अचानक संप्रेक्षण गृह से गायब हो जाना संप्रेषण गृह में रहते हुए नाना प्रकार के नशे को करना और दूसरी तमाम गड़बड़ियां भी गाहे-बगाहे सामने आती रही है संप्रेषण गृह में किसी बाल अपराधी कि इस तरह आत्महत्या कर लेने का यह पहला मामला है |