अपने बयान दर्ज कराने आखिरकर फिर EOW नहीं पंहुचा डकैत डीजी मुकेश गुप्ता | गिरफ्तारी का भय , सरकार की अदालत से गुहार , रद्द करो गिरफ्तारी रोक आदेश |

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रायपुर |   शनिवार को रायपुर स्थित EOW  मुख्यालय में कुख्यात आरोपी मुकेश गुप्ता का दिन भर इंतजार होता रहा ,लेकिन अपने बयान दर्ज कराने उसने आमद नहीं दी | बताया जाता है कि डकैत डीजी मुकेश गुप्ता को अभी भी अपनी  गिरफ्तारी का खौफ है | लिहाजा उसे  रायपुर से दूरियां बनाए रखना मुनासिब नजर आ रहा है | EOW से जारी एक नोटिस में आरोपी मुकेश गुप्ता को अपने बयान दर्ज कराने के लिए तीन अगस्त को उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया गया था | उसे अपने बयान दर्ज कराने के लिए एक के बाद एक ,लगभग आधा दर्जन मोहलते आखिरकर नाकामयाब रही है | नतीजतन राज्य सरकार ने EOW को निर्देशित किया है कि आरोपी द्वारा अदालत के निर्देशों की अवहेलना की सूचना हाईकोर्ट की संबधित बेंच को दी जावे | इसके बाद EOW  ने अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए तैयारी शुरू कर दी है | बताया जाता है कि अब आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी की मांग को लेकर EOW भी  अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखेगी | नान घोटाले और अवैध फोन टेपिंग को लेकर आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ पुख्ता सबूत EOW के पास मौजूद है | ज्यादातर सबूत दस्तावेजी प्रमाणों पर आधारित है | इससे साफ होता है कि दोनों ही मामलो में आरोपी मुकेश गुप्ता की आपराधिक संलिप्तता है |  ये ऐसे सबूत है जिसे नकारना डकैत डीजी मुकेश गुप्ता के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा | 

 बताया जाता है कि बिलासपुर हाईकोर्ट के समक्ष आरोपी मुकेश गुप्ता ने अपनी स्थिति अभी तक “पीड़ित” के रूप में पेश की है |  इस कुख्यात आरोपी ने लगातार झूठ बोलकर अदालत को भी “गुमराह” करने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी है | 29 जुलाई को बिलासपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इस कुख्यात आरोपी ने अदालत में लिखित तौर पर कहा है कि वो जाँच में “सहयोग” कर रहा है |  जबकि हकीकत यह है कि कई नोटिसों के बावजूद इस कुख्यात आरोपी ने EOW में अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं कराई | एक बार कराई भी तो कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देने के बजाए चुप्पी साध ली | EOW को भेजे आवेदन में इस “ठगराज” ने साफ तौर पर एक के बाद एक “बहाने” लिखकर बयान दर्ज कराने से बच निकलने की कोशिश की है | एक आवेदन में तो “ठगराज” ने अपनी गिरफ्तारी का अंदेशा जाहिर कर बयान दर्ज कराने से तक “इंकार” कर दिया है | उधर हाईकोर्ट ने आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ साथ उसे भी निर्देशित किया था कि वो EOW की जांच में सहयोग करें | लेकिन आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत हासिल होने की खबर के बाद उसने अपने बयान दर्ज कराने से कन्नी कांट लिया है | साफ़ है कि हाईकोर्ट के निर्देशों की धज्जियां उड़ाने के मामले में भी आरोपी पीछे नहीं है | बताया जाता है कि  आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाने के लिए जल्द ही EOW अदालत का रुख करेगी | EOW ने अब तक हुई विवेचना में आरोपी के खिलाफ मिले पुख्ता सबूतों को अदालत की टेबल में रखने की तैयारी भी की है | 

उधर दुर्ग जिले के सुपेला थाने में दर्ज चार सौ बीसी के प्रकरण की डायरी भी समय पर अदालत में पेश करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने जिला पुलिस बल को निर्देशित किया है | इस मामले को लेकर जमकर “माथापच्ची” की खबर है | “सरकार” इस तथ्य को जानना चाहती है कि जब आरोपी की ओर से बिलासपुर हाईकोर्ट में “याचिका” पेश की गई थी तब “महाविधक्ता” कार्यालय कहां व्यस्त था | आखिर उसे 29 जुलाई को हुई सुनवाई की खबर भी क्यों  नहीं लगी | यही नहीं बगैर डायरी पेश हुए और दस्तावेजी प्रमाणों को संज्ञान में लिए बगैर आखिर किन तथ्यों के आधार पर आरोपी मुकेश गुप्ता की अग्रिम जमानत स्वीकृत की गई ? इन तथ्यों की भी विवेचना की जा रही है | बताया जाता है कि दुर्ग पुलिस रेंज ही नहीं बल्कि पुलिस मुख्यालय से आरोपी मुकेश गुप्ता को मिल रहे “संरक्षण” से “सरकार” नाराज है | आने वाले दिनों में पुलिस मुख्यालय में होने वाले “फेर बदल” में इसकी बानगी साफ तौर पर  झलक सकती है |