आदमी एक मशीनी जीव है | वह जगता है रूटीन के अनुसार जगकर रेस में भागना शुरू कर देता है | आदमी पैसे कमाता है ताकि अपनी जरूरत पूरी कर सके | पैसों के साथ-साथ जरूरत भी बढ़ती जाती है ,लेकिन इंसान का भागना नहीं छू़टता | इस रेस में बाकी चीजें इतनी पीछे छूट जाती हैं कि दूरबीन से देखने पर भी नजर नहीं आतीं | हरियाणा के फरीदाबाद से एक खबर आई है जो आपको रेस से अलग ले जाने की कोशिश करेगी |
दरअसल, हरियाणा में सदपुरा गांव है यहाँ कूड़ेराम नाम का एक शख्स रहता है | कूड़ेराम 40 साल से एक सरकारी स्कूल में चपरासी के पद पर काम कर रहे थे | मंगलवार को कुडेराम का आखिरी दिन था | तो उन्होंने इस दिन को यादगार बनाने के लिए कुछ अलग करने की सोची और वो समय के पिटारे से अपना सपना निकालकर ले आए | सपना था 40 साल पुराना हेलीकॉप्टर में सफर करने का | जानकारी के अनुसार कूड़ेराम 1979 में ग्रुप डी की परीक्षा पास कर स्कूल में चपरासी बने थे | तभी उन्होंने ठान लिया था कि किसी दिन हेलीकॉप्टर की सवारी करेंगे और अपने परिवार को भी करवाएंगे | 40 साल बीत गए, लेकिन सपना नहीं बीता | वो ख्वाब उनकी आंखों में जगा रहा | रिटायर होने के बाद उन्होंने अपने दिल की बात पूरी कर ली है |
इस पूरे सफर के इंतजाम में 3.5 लाख का खर्च आया | लेकिन क्या है ना कि सपने अमूल्य होते हैं | उनका कोई कद नहीं होता | बस उनका पूरा होना जीवन को आसान कर देता है | खूबसूरत और सुकूनदेह भी |