रायपुर | रायपुर के चर्चित अस्पतालों में से एक “NHMMI” के मैनेजमेंट को लेकर बड़ा फैसला हुआ है | MMI सोसाइटी के “फाउंडर मेंबरों” ने सर्वसम्मति से लूणकरण श्रीश्रीमाल को संस्था का “नया अध्यक्ष” चुना है | फ़िलहाल चुनाव प्रक्रिया को अपनाने के बजाए सभी “फाउंडर मेंबरों” को सर्वसम्मति से “नया अध्यक्ष” चुनने और संस्था के संचालन के लिए अपनी राय जाहिर करने हेतु एक बैठक बुलाई गई थी | एक जानकारी के मुताबिक ,इस बैठक में सिर्फ “सुरेश गोयल” को छोड़ शेष सभी सात सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर लूणकरण श्रीश्रीमाल को संस्था का “नया अध्यक्ष” घोषित किया है | अभी तक “NHMMI” सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में सुरेश गोयल अपनी सेवाए दे रहे थे | बताया जाता है कि सोसाइटी के नए अध्यक्ष के मनोनयन के बाद सभी बैंको को “NHMMI” के खातों का संचालन अग्रिम सूचना तक रोकने अथवा बंद करने का आवेदन दिया गया है | इसके साथ ही पुराने मैनेजमेंट से निवेदन किया गया है कि जल्द वो “नए अध्यक्ष” को सोसाइटी का “प्रभार” सौपे | अन्य पदाधिकारियों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष रेखचंद लूनिया, सचिव महेन्द्र धाड़ीवाल, कोषाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता व सह सचिव वासुदेव नारंग चुने गए। नई कार्यकारिणी ने कहा है कि आम लोगों को बेहतर सुविधाएं चिकित्सा सेवा के माध्यम से उपलब्ध कराना उनका प्रमुख मकसद होगा।
गौरतलब है कि MMI सोसाइटी में लंबे समय से “फाउंडर मेंबरों” और “नए सदस्यों” के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई थी | फाउंडर मेंबरों की शिकायत थी कि सोसाइटी के कुछ एक सदस्यों ने संस्था के “संविधान” से “छेड़छाड़” कर मूल सदस्यों की संख्या “ग्यारह” से बढाकर “सत्तर” तक कर दी | यही नहीं MMI अस्पताल को “लोक कल्याण” के मार्ग से हटाकर “व्यवसायिक” रूप दे दिया गया है | MMI सोसाइटी के फाउंडर मेंबरों और नए मेंबरों के बीच लंबे समय तक हाईकोर्ट बिलासपुर में विवाद चलता रहा | बिलासपुर हाईकोर्ट ने मामले की छानबीन और असली सदस्यों के निर्धारण की जवाबदारी “रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी” रायपुर को सौपी थी | हाल ही में “रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी” ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि MMI सोसाइटी के “ग्यारह” मूल सदस्य ही संस्था के वैधानिक सदस्य है | हालांकि तीन सदस्यों की मृत्यु के बाद शेष फाउंडर मेंबरों की कुल संख्या अब “आठ” ही बची है | इनमे से ज्यादातर सदस्य डॉक्टर हरख जैन के करीबी बताए जाते है | नए अध्यक्ष के मनोनयन के बाद “NHMMI” की बागडोर बदलने की कवायत भी तेज हो गई है | ताजा फैसले से “NHMMI” में हंड़कंप मच गया है | यह भी बताया जा रहा है कि नए अध्यक्ष के मनोनयन के उपरांत “NHMMI” में बदलाव की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू हो जाएगी | इसके तहत बैंको के लेनदेन पर रोक लगाए जाने को पहला कदम बताया जा रहा है |
उधर “NHMMI” के 70 सदस्यों वाली मौजूदा मैनजमेंट ने भी अपनी बैठक बुलाई थी | इस बैठक में लगभग 35 सदस्य ही उपस्थित हो पाए थे | इस बैठक में “रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी” के फैसले को अदालत में चुनौती देने का निर्णय लिया गया है | बैठक में “NHMMI” का प्रभार “फाउंडर मेंबरों” को ना सौपे जाने का भी फैसला लिया गया | अब रणनीतिक तौर पर फाउंडर मेंबरों को “पटखनी” देने के लिए मौजूदा मैनेजमेंट “एड़ी चोटी” का जोर लगा रहा है | इस बीच यह खबर भी आ रही है कि “रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी” के फैसले को विधिवत लागू करवाने के लिए फाउंडर मेंबरों ने “प्रशासन” की शरण भी ली है | अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि यदि फाउंडर मेंबरों की मेहनत रंग लाई तो जल्द ही MMI से NHMMI और उससे सहनभूति रखने वाले सदस्यों का “बोरिया बिस्तर” ही उठ जाएगा | वही फाउंडर मेंबरों के “अरमानों” पर पानी फेरने के लिए उद्दोपति सुरेश गोयल के नेतृत्व में मौजूदा मैनेजमेंट अदालत और दूसरी संस्थाओं का दरवाजा खटखटाने में जुटा है ।

