मंतूराम पवार का एक और बयान तत्कालीन SP ने कहा था कि “बात मान लो नहीं तो झीरम की तरह निपटा देंगे”। पवार की बढ़ाई गई सुरक्षा, अब रहेंगे 8 सशस्त्र जवानों के घेरे में |

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रायपुर | मंतूराम पवार के बयान दर्ज कराने के बाद छत्तीगढ़ की राजनीति गरमाई हुई है | मंतूराम ने एक के बाद एक कई बड़े खुलासे किए हैं |  उन्होंने कहा कि नेताओं के साथ-साथ इस कांड में पुलिस अधिकारी भी शामिल थे |  मंतूराम ने  अंतागढ़ टेपकांड में एक और खुलासा करते हुए मंतूराम पवार ने कांकेर के तत्कालीन एसपी आरएन दास पर भी आरोप लगाया है । मंतूराम ने कहा कि नाम वापसी कराने की साजिश में कांकेर के तत्कालीन एसपी भी शामिल थे । तत्कालीन SP ने भी दवाब बनाया था और कहा था कि “बात मान लो नहीं तो झीरम की तरह निपटा देंगे”। आपको बता दें कि साल 2014 में कांकेर के एसपी आरएन दास थे । 

बढ़ाई गई सुरक्षा


तमाम खुलासा करने के बाद मंतूराम पवार ने सुरक्षा की मांग की थी  । जिसके बाद मंतूराम पवार की सुरक्षा बढ़ा दी है |  मंतूराम ने कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद डीजीपी को पत्र लिखकर सुरक्षा देने की मांग की थी |  उन्होंने जान का खतरा बताया है |  मंतूराम की मांग पर अमल करते हुए डीजीपी के निर्देश पर उन्हें 8 जवानों की सुरक्षा दे दी गई है |  पवार अब एक हवालदार सहित 7 सशस्त्र जवानों के घेरे में हैं | 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा राजनितिक षड्यंत्र ,मेरा दूर -दूर तक कोई  लेना देना नहीं | 

मंतूराम पवार के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है । पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि मंतूराम पवार का अंतागढ़ टेप मामले में उनके नाम लिये जाने जानकारी मिली है, जबकि मेरा इस मामले से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है । उन्होंने 2014 के इस मामले में पहली बार उनके नाम को उछाला गया है । उन्होंने इसे राजनीतिक षड़यंत्र करार दिया । उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोची समझी रणनीति के तहत मंतूराम पवार पर दवाब बनाकर यह बयान कराया गया है । उन्होंने कहा कि बयान से साफ स्पष्ट है कि ये स्वचेछा से नहीं बल्कि राजनीतिक दवाब में दिया गया है । रमन सिंह ने पूर्व कहा कि मंतूराम पवार ने इससे पहले भी न्यायालय में शपथ पत्र दिया था, जिसमें उसने स्वेच्छा से नामांकन वापस लेने की बात कही थी । रमन सिंह ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में किसी तरह के पैसे का कोई लेनदेन नहीं हुआ है । उन्होंने इसे कांग्रेस की बदलापुर की राजनीति करार दिया । 

अजित जोगी और अमित जोगी के अस्पताल में भर्ती होते ही दोनों नेताओ के करीबी “साथी” मंतूराम पवार ने “सच” उगला है | अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जनता की अदालत से “नौ दो ग्यारह” होने वाले  मंतूराम पवार ने आज मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत  बयान दर्ज कराते हुए पूर्व मुख्यमंत्री  रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी पर गंभीर आरोप लगाया है | इस आरोप को बतौर बयान दर्ज किया गया है | मंतूराम पवार ने अपने बयान में कहा है कि पूरी डील साढ़े सात करोड़ में हुई थी । मंतूराम पवार ने स्पष्ट तौर पर स्वीकार किया है कि उस पर दबाव बनाकर इन नेताओ ने यह डील की थी । उसके मुताबिक इस डील के बाद वो गिल्टी महसूस कर रहा था । मंतुराम ने कोर्ट में यह बयान भी दर्ज कराया है कि, अंतागढ़ टेप कांड की साढ़े सात करोड़ रुपए की यह डील पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत के बंगले पर हुई थी । इस बंगले पर रुपयों का लेन देन हुआ था ।
 

गौरतलब है कि अंतागढ़ पार्ट -1 और पार्ट -2 को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई हुई है | राजनैतिक गलियारों में अंतागढ़ पार्ट -1 को लेकर एक सीडी वायरल हुई थी | इस सीडी में कथित तौर पर दावा किया गया था कि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी उनके पुत्र अमित जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डॉ पुनीत गुप्ता, आसिफ मेनन और फिरोज सिद्दकी की आवाज़ें है । इस कथित सीडी में यह भी  दावा किया गया था कि तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मंतुराम पवार को सुनियोजित रूप से नाम वापस कराने के लिए तैयार किया गया है । मंतूराम पवार के मैदान छोड़ने के बाद तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल पर कई राजनैतिक हमले भी हुए थे | कांग्रेस ने सत्ता संभालते ही अंतागढ़ टेपकांड को लेकर एसआईटी गठित की  थी | यही नहीं किरणमयी नायक की शिकायत पर रायपुर के पंडरी थाने में अपराध दर्ज किया गया था । पंडरी थाने में दर्ज इस अपराध में बतौर आरोपी के रुप में मंतुराम पवार,पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी उनके पुत्र अमित जोगी और डॉ पुनीत गुप्ता के नाम दर्ज है ।