दलिती के समाजिक उत्थान के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है | बावजूद इसके गाहे बगाहे कुछ ऐसी घटना हो ही जाती है जो सम्पूर्ण मानवता को शर्मसार कर देती है | ऐसी ही एक घटना वेल्लोर में हुई | बाढ़ ग्रस्त एक गांव में दलितों का शमशानघाट पानी में डूब गया | इस दौरान गांव में हुई एक बुजुर्ग की अन्तेष्ठी के लिए ग्रामीणों ने कुछ दूर स्थित अन्य शमशानघाट में अन्तेष्ठी के लिए रुख किया | लेकिन पीड़ितों को उस समय बगले झांकना पड़ा, जब एक अन्य समुदाय उच्च जाति के समुदाय ने उन्हें अपने खेत खलियानो से गुजरने तक की इजाजत नहीं दी | आखिरकर दलित ग्रामीणों ने शव को पुल से 20 नीचे रस्सी से उतारकर शमशानघाट तक पहुंचाया | वीडियों के वायरल होने के बाद वेल्लोर पुलिस तफ्तीश में जुट गयी है |
तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में एक दलित समुदाय के शक्श की अर्थी को शमशानघाट जाने से रोक दिया गया | इसके बाद दलित समुदाय ने अर्थी को पूल से लटकाकर शमशानघाट तक पहुंचाया | जिसका वीडियों वायरल हो रहा है | मृतक शक्श का नाम एन कोपन बताया जा रहा है | जिसकी अर्थी को सवर्ण समुदाय के लोगो ने अपने खेतो से सिर्फ इसलिए गुजरने नहीं दिया क्योकि वो एक दलित था | जिसके बाद मृतक एन कोपन के परिजनों ने शव को पुल से 20 नीचे रस्सी से उतारकर शमशानघाट तक पहुंचाया | समुदाय के लोगो के मुताबिक हाल ही में आये बाढ़ के चलते उनके अपने शमशानघाट में पानी भर गया और वो पास ही में पलार नदी के शमशानघाट में जाने का फैसला किया | शमशान में पहुंचने से पहले ही सवर्ण समुदाय के लोगो ने उन्हें यह कह कर रोक दिया कि जिस रास्ते से वो अर्थी ले जा रहे है वो उनके पुरखो के खेतो में बना और वो उन्हें उसके ऊपर से जाने नहीं देंगे | फिलहाल मामले की तफ्तीश जारी है |
