इस्लामाबाद / पाकिस्तान में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का शव किसी गली चौराहे में तीन दिनों तक लटकता नजर आये तो कोई हैरत वाली बात नहीं है | मुशर्रफ इन दिनों अरब कंट्री के एक अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे है | उन्हें अपने जल्द स्वास्थ्य लाभ की उम्मीद है , लेकिन पाकिस्तानी अदालत का रुख उनके प्रति जरा भी सहानुभूतिपूर्ण नजर नहीं आ रहा है | पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाने वाली पाकिस्तान की विशेष अदालत ने एक विचित्र फैसले में कहा है कि यदि फांसी दिये जाने से पहले मुशर्रफ की मौत हो जाती है तो उनके शव को इस्लामाबाद के सेंट्रल स्क्वेयर पर खींचकर लाया जाए और तीन दिन तक लटकाया जाए |
तीन सदस्यीय विशेष अदालत की पीठ ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को छह साल तक क़ानूनी मामला चलने के बाद देशद्रोह का दोषी माना था | मुशर्रफ की गैर मौजूदगी में अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी | मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाने वाली तीन सदस्यीय पीठ के प्रमुख और पेशावर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ ने 167 पन्नो का विस्तृत फैसले में लिखा है कि फांसी दिये जाने से पहले मुशर्रफ की मौत होने पर भी पूर्व राष्र्टपति को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए | अदालत के फैसले के अनुसार कहा गया है कि हम कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश देते है कि भगोड़े \दोषी को गिरफ्तार करने के लिए पूरी ताकत झोक दी जाए और सुनिश्चित करे कि कानून के हिसाब से सजा दी जाए | अगर वह मृत मिलते है ,तो उनकी लाश को इस्लामाबाद के डी चौक तक खींचकर लाया जाए | और वहां तीन दिन तक लटकाया जाए | बताया जाता है कि इस्लामाबाद के डी चौक अर्थात डेमोक्रेसी चौक के पास कई महत्वपूर्ण सरकारी दफ्तर है | यहां राष्र्ट्पति कार्यालय , प्रधानमंत्री कार्यालय , संसद और उच्चतम न्यायालय भी है |