मध्यप्रदेश के बाद महाराष्ट्र की अवैध शराब “छत्तीसगढ़” में | “वेलकम डिस्लरी” में छापे के बाद आबकारी विभाग के आलाधिकारियों की उडी “नींद” | “दो सौ करोड़” का घोटाला |

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छत्तीसगढ़ में लगभग “दो सौ करोड़” के शराब घोटाले के उजागर होने की खबर है | मामले को दबाने के लिए आबकारी विभाग के “आलाधिकारी” जुटे हुए है | दरअसल एक गोपनीय सूचना के बाद आबकारी अमले की “उड़नदस्ता” टीम ने बिलासपुर स्थित “वेलकम डिस्लरी” में छापा मारकर बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र की “मुंबई टू गोवा” भिंगरी ब्रांड की शराब सीज की है | इस छापामार कार्रवाई की खबर जैसे ही कुछ आलाधिकारियों को लगी उनके होश “फाख्ता” हो गए है  | घोटाले में संदेही अधिकारियों ने मामले को रफा दफा करने के लिए आबकारी “उड़नदस्ते” पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है | हालांकि अवैध शराब की खाली और भरी बोतलों की खेप की बड़े पैमाने पर बरामदगी की खबर जंगल में आग तरह फ़ैल गई है | इस गोरखधंधे के उजागर होने के बाद आबकारी विभाग के “आलाधिकारी” सफाई देने में जुटे है | उनकी दलील है कि “वेलकम डिस्लरी” में बरामद माल वैधानिक है या अवैधानिक इसकी जांच की जा रही है | “मुंबई टू गोवा” भिंगरी ब्रांड की खरीदी -बिक्री  छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित है | ऐसे में इस बरामद माल की उपलब्धता से साफ़ है कि सरकार की आखों में धूल झोंककर इस गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा था | फिलहाल आबकारी अमला मामले को रफा दफा करने में जोरशोर से जुटा हुआ है | इसके लिए “वेलकम डिस्लरी” के कर्ता-धर्ता भी पूरी तरह से सक्रिय हो गए है |    

 छत्तीसगढ़ में शराब की “तस्करी” बड़े पैमाने पर हो रही है | बिलासपुर और दुर्ग जिले शराब तस्करी के बड़े “गढ़” बन गए है | मध्यप्रदेश से दुर्ग के रास्ते रोजाना “लाखो लीटर” शराब की आपूर्ति अवैध रूप से हो रही है | हालत ये है कि राज्य की कई सरकारी शराब दुकानों के काउंटर से ही मध्यप्रदेश की शराब की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है | वही दूसरी ओर बिलासपुर में स्थित “वेलकम डिस्लरी” से भी “महाराष्ट्र” की भिंगरी शराब “बांबे टू गोवा” का अवैध तरीके से रोजाना लाखो लीटर परिवहन हो रहा है | यह “अवैध शराब” पूरे प्रदेश में सुनियोजित रूप से खपाई जा रही है |  आबकारी विभाग बिलासपुर की “उड़नदस्ता” टीम ने “वेलकम डिस्लरी” में छापा मारकर बड़े पैमाने पर सील बंद भरी और खाली ,”बांबे टू गोवा” ब्रांड की भिंगरी शराब बरामद की है | गौरतलब है कि “भिंगरी” ब्रांड की शराब केवल महाराष्ट्र में ही बेचे जाने के लिए अधिकृत है , ना कि छत्तीसगढ़ में | बावजूद इसके प्रदेश के प्रत्येक जिलों में “कोचियों” के जरिए “भिंगरी” ब्रांड की शराब खपाई जा रही है | इससे राज्य सरकार को रोजाना “लाखो” का चूना लग रहा है | सूत्रों के मुताबिक आबकारी “उड़नदस्ते” ने “वेलकम डिस्लरी” के भीतर दाखिल होकर लगभग “पांच लाख” खाली और भरी बोतले बरामद की है | इसकी अनुमानित लागत करीब “साढ़े चार करोड़” रुपए आंकी गई है | उधर छापे में बरामद माल को लेकर “वेलकम डिस्लरी” ने चुप्पी साध ली है | यह पहला मौका है जब सत्ता रूढ़ कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इतना बड़ा “शराब घोटाला” सामने आया है | एक जानकारी के मुताबिक जनवरी 2019 से अब तक “वेलकम डिस्लरी” के जरिए “दो सौ करोड़” से ज्यादा की “भिंगरी शराब” इधर से उधर हुई है | जाहिर है इतना बड़ा “घोटाला” बगैर “सरकारी संरक्षण” के संचालित होना असंभव नजर आता है | सूत्रों के मुताबिक एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर आबकारी “उड़नदस्ते” को “वेलकम डिस्लरी” में छापा  मारने के लिए विवश होना पड़ा था | लेकिन अब “छापामार अफसरों” पर ही मामले को रफा-दफा करने का दबाव बढ़ गया है |  

प्रदेश भर में “वेलकम डिस्लरी” के कोचिये


बताया जा रहा है कि प्रदेश में “वेलकम डिस्लरी” से जुड़े “कोचियों” की गांव -गांव में पैठ है | इसके चलते अवैध माल को खपाना उन “कोचियों” के लिए बांये हाथ का खेल है | उधर छापामार कार्रवाई के बाद शराब “तस्करो” ने भी अपने गिरोह को सतर्क कर दिया है |  मामले के तूल पकड़ने से पहले प्रदेश की विभिन्न सरकारी शराब दुकानों से “भिंगरी” ब्रांड की शराब की “खेप की खेप” आनन -फानन में सुरक्षित स्थानों पर ठिकाने लगाईं गई है | इस घोटाले के उजागर होने से आबकारी विभाग के कई आलाधिकारियों की “नींद” उड़ गई है | उन्हें अपनी पोल खुलने का डर सताने लगा है |