उपेन्द्र डनसेना ।
रायगढ़। आम तौर पर बारिश से पूर्व नालों की सफाई नगर निगम के द्वारा कराई जाती है, किंतु इस वर्ष निगम प्रशासन ने 15 अगस्त के बाद नालों की सफाई का काम शुरू तो जरूर कराया। मगर निगम का यह काम भी “नौ दिन चले अढाई कोस” की तर्ज पर संचालित हो रहा है। जिसके कारण क्षेत्र के पार्षद और जनप्रतिनिधी भी नाराज दिख रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम के द्वारा पिछले दिनों से नालों की सफाई का काम आनन-फानन में शुरू कराया गया है। मगर विडंबना यह है कि नालों की सफाई का आदेश 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को अवकाश के दिन जारी किया गया और दूसरे दिन शाम तक सफाई अमले सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी लग सकी। बताया जा रहा है कि नालों की सफाई का काम सबसे पहले भगवानपुर क्षेत्र में शुरू किया जाना था। जिसके लिए पोकलेन मशीन भेजा तो गया था, मगर जेएसपीएल की ओर से एनओसी नही दिए जाने के कारण आर्डर जारी नही हो सका और काम नही होनें के कारण पोकलेन को वापस बुला लिया गया। इस वजह से भगवानपुर क्षेत्र में दवा का छिडकाव भी नही किया जा सका।
हमारे संवाददाता ने इस संबंध में जब निगम के एमआईसी सदस्य लीलावती दयाराम धुर्वे से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि इसके लिए निगम की ओर से 42 लोगों की टीम बनाई गई है। जिसके लिए हर वार्ड में सुपरवाईजर दरोगा तथा सहायक के रूप में तीन से चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शहरी क्षेत्र के डेंगू संवेदनशील वार्डो में तथा सार्वजनिक स्थानों संजय काम्पलेक्स, संडे मार्केट, सदर बाजार क्षेत्र, बस स्टैण्ड , इंदिरा नगर आदि में सबसे पहले सफाई अभियान छेडा जाना चाहिए था। किंतु इन वार्डो को छोड़कर शेष वार्डो में नाला सफाई का काम शुरू कराया जा रहा है। जिसे लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है और जनप्रतिनिधी भी इसे लेकर बयानबाजी करने लगे हैं।
इस संबंध में जूटमिल क्षेत्र के पार्षद चंद्रप्रकाश पाण्डेय बब्बल से चर्चा करने पर उनका कहना था कि नालों की सफाई का काम शुरू करने से पहले बकायदा वार्ड के पार्षदों की बैठक लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी। चूंकि शहर में स्वच्छता अभियान और डेंगू से होने वाली मौतों के कारण यह काफी संवेदनशील मामला है। इसलिए ऐसे मामलों में लापरवाही नही होनी चाहिए तथा लापरवाही बरतने वाले पर कडी कार्रवाई होनी चाहिए। निगम प्रशासन को क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर इस काम को नए सिरे से शुरू कराने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि भगवानपुर क्षेत्र में नाले की सफाई के लिए गए पोकलेन को हटाए जाना बिल्कुल गलत है। ऐसा नही होना चाहिए था और निगम प्रशासन को एनओसी या अन्य प्रक्रिया की कार्रवाई पहले ही पूर्ण कर लेनी चाहिए थी। यदि ऐसा हुआ है तो जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई भी होनी चाहिए। वहीं इस संबंध में एक और एमआईसी सदस्य तथा स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी रामकृष्ण खटर्जी से चर्चा करने पर उनका कहना था कि वे वर्तमान में निगम एमआईसी सदस्य होनें के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रभारी भी है मगर इसके बावजूद उन्हें नालों की सफाई के बारे में विधिवत जानकारी अब तक नही दी गई है। उनका यह भी कहना था कि एमआईसी की बैठक में भी उन्हें यह जानकारी नही मिल सकी। श्री खटर्जी ने कहा कि कहीं न कहीं इस पूरे मामले में लापरवाही नजर आ रही है। जिस पर कडी नजर रखने की जरूरत है।