
दिल्ली /रायपुर /रांची :- छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ और झारखंड में करीब 500 करोड़ के शराब घोटाले की जाँच में जुटी ED को पूर्व मुख्यमंत्री भू -पे बघेल के आरोपी पुत्र चैतन्य उर्फ़ बिट्टू बघेल की गिरफ़्तारी के बाद नई लीड हाथ लगी है | घोटाले की रकम की बंदरबाट के सिलसिले में ED ने जहाँ रायपुर, दुर्ग और भिलाई के कई कारोबारियों को समन जारी किया है, वही छत्तीसगढ़ ACB -EOW ने झारखण्ड केडर के घोटालेबाज IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे और गजेंद्र सिंह को पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लेने की तैयारी शुरू कर दी है, जल्द ही इन्हे रायपुर लाया जा सकता है | उधर यह भी बताया जा रहा है कि आरोपी चैतन्य बघेल के खिलाफ भी एजेंसियां नई FIR दर्ज कर सकती है, दोनों ही अफसर इन दिनों रांची सेन्ट्रल जेल में कैद है |

सूत्रों के मुताबिक ACB -EOW भी आरोपी चैतन्य बघेल के खिलाफ FIR दर्ज कर नए सिरे से जाँच शुरू करने की तैयारी में है | इस बीच खबर यह भी आ रही है कि दोनों ही राज्यों में अंजाम दिए गए शराब घोटाले की जाँच में सामने आये तथ्यों के मद्देनजर CBI की एंट्री के आसार बढ़ गए है, उसकी एंट्री कभी भी हो सकती है |

उधर, दोनों ही राज्यों में आरोपियों के खिलाफ ACB -EOW की सक्रियता ने नया राजनैतिक मोर्चा खोल दिया है | एजेंसी की कार्यवाही से ऐसे नेता तिलमिलाए हुए है, जिनका घोटालों से सीधा नाता बताया जाता है | इस कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री भू -पे बघेल का नाम अव्वल नंबर पर है | पूर्व मुख्यमंत्री ने एजेंसियों को अचानक धमकाना भी शुरू कर दिया है | जानकरी के मुताबिक बघेल ने एक बयान में छत्तीसगढ़ ACB -EOW पर अपनी खीज उतारते हुए राज्य की बीजेपी सरकार पर प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया है | उन्होंने पुलिस पर सीधा हमला करते हुए हत्या, बलात्कार और बलौदा बाजार अग्निकांड का जिक्र कर सरकार की नाकामी गिनाई है |

इधर पूर्व मुख्यमंत्री के आरोप जमीनी धरातल पर गैरवाजिब बताए जा रहे है | यह भी दावा किया जा रहा है कि बीजेपी शासन में जहाँ अपराधों पर कड़ाई से रोक लगी है, वही दर्जनों घोटालो के आरोपियों को धर -दबोचे जाने से पूर्व मुख्यमंत्री का पारा सातवें आसमान पर है, उन्हें अब खुद की गिरफ़्तारी की चिंता सताने लगी है | जानकारी के मुताबिक जेल की हवा खा रहे पूर्व मुख्यमंत्री के आरोपी पुत्र ने कई ऐसे सच उगले है, जिससे भू -पे बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती है | पूर्व मुख्यमंत्री के हालियां तमाम राजनैतिक बयानों को जाँच को प्रभावित करने और एजेंसियों पर दबाव बनाए जाने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है |

छत्तीसगढ़ ACB -EOW की सक्रियता से झारखण्ड का राजनैतिक गलियारा भी सरगर्म है | एजेंसी ने झारखंड केडर के आइएएस विनय कुमार चौबे, गजेंद्र सिंह समेत नौ आरोपियों को तलब कर लिया है | इन्हे रायपुर भेजे जाने की कवायतें जोरों पर बताई जा रही है | जानकारी के मुताबिक रायपुर की विशेष अदालत में प्रोडक्शन वारंट पेश कर ईओडब्ल्यू ने अपनी कार्यवाही जारी रखी है, एजेंसी को लम्बे समय से इनका इंतजार था | उसने पूछताछ के लिए साल भर के भीतर आरोपी विनय चौबे समेत अन्य को आठ बार से ज्यादा मौंको पर समन जारी किया था | लेकिन क़ानूनी दांवपेचों में माहिर आरोपी छत्तीसगढ़ ACB -EOW की क़वायतो को धत्ता बता रहे थे | इस बार एजेंसी ने आरोपियों के अरमानों पर पानी फ़ेरते हुए अदालती फ़रमान भी सुना दिया है | यह भी बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में जारी कार्यवाही से मुख्यमंत्री समेत प्राशसनिक अमले में हड़कंप मच गया है | आरोपियों से होने वाली पूछताछ को लेकर राजनैतिक सरगर्मियां भी तेज देखी जा रही है |

विनय कुमार चौबे का रुतबा झारखंड सरकार में काफी प्रभावशील माना जाता है, मुख्यमंत्री के करीबी अफसरों में तत्कालीन आबकारी सचिव पद पर तैनात विनय कुमार चौबे और झारखंड राज्य मद्य निषेध निगम लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक गजेंद्र सिंह के खिलाफ झारखण्ड एसीबी ने मामला दर्ज किया था | इसकी प्राथमिक जांच में पाया गया था कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन अधिकारियों और कारोबारियों से साठगांठ कर शराब ठेकों और सप्लायर्स को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी दिशा -निर्देशों और नियमों का उल्लंघन किया गया था | इसमें सरकारी प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर सरकारी तिजोरी पर 500 करोड़ से ज्यादा की चोट की गई थी |

छत्तीसगढ़ और झारखण्ड जैसे राज्यों में अवैध शराब के कारोबार से कई राज नेताओं की मोटी कमाई का खुलासा हुआ है | पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की गिरफ़्तारी के बाद शराब घोटाले में शामिल दोनों ही राज्यों के कई बड़े नेता और कारोबारी अब एजेंसियों के निशाने पर बताये जाते है | फ़िलहाल, छत्तीसगढ़ में एजेंसियों की सक्रियता से कई राजनेताओं की क़िस्मत दांव पर है |