नई दिल्ली/ ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार (स्ट्रेन) से संक्रमण की दर बढऩे को लेकर रविवार से सख्त पाबंदियों के साथ लॉकडाउन लागू किया गया है, जिसके चलते लाखों लोग घरों के अंदर ही रहने को मजबूर हो गए हैं। गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें और प्रतिष्ठान भी बंद कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस का नया प्रकार देश में संक्रमण को तेजी से फैलाने के लिए जिम्मेदार है। वायरस के इस नए स्वरूप पर चर्चा करने के लिए भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने संयुक्त निगरानी समूह (जेएमजी) की सोमवार को आपात बैठक बुलाई है। एक सूत्र ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अगुआई में यह बैठक होगी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शनिवार शाम नए सख्त प्रतिबंधों के बाबत घोषणा की थी। पांच दिवसीय प्रस्तावित‘‘क्रिसमस बबल‘’कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया गया है। पहले क्रिसमस के कार्यक्रम के लिए प्रतिबंधों में ढील देने का निर्णय लिया गया था लेकिन अब जॉनसन ने प्रतिबंधों को और सख्त करने का फैसला लिया है।
माना जा रहा है कि कोरोना वायरस का नया प्रकार देश में संक्रमण को तेजी से फैलाने के लिए जिम्मेदार है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बीते दिनों कहा था कि ऐसा लग रहा है कि कोरोना वायरस का नया रूप दुनिया के सामने आ गया है जो पहले के वायरस के मुकाबले 70 फीसद ज्यादा तेजी से फैलता है। कोरोना की इस नई स्ट्रेन से दहशत का आलम यह है कि यूरोप के कई देशों ने ब्रिटेन से आने वाली विमान सेवाओं पर भी पाबंदी लगा दी है।
जॉनसन ने शनिवार को कहा कि राजधानी और दक्षिणी इंग्लैंड के कई इलाके प्रतिबंधों की तीसरे श्रेणी के तहत आते हैं, जो काफी सख्त प्रतिबंध हैं। उन्होंने कहा कि अब इन्हें और सख्त करते हुए चौथे चरण के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा,‘’ऐसा लगता है कि कोरोना वायरस के नए प्रकार के कारण संक्रमण का प्रसार बेहद तेजी से हो रहा है।‘‘ चौथे चरण के तहत, लोगों को अपने घर के बाहर किसी भी अन्य व्यक्ति से मिलने-जुलने पर रोक रहेगी। यह रोक क्रिसमस के दौरान भी लागू रहेगी।
इसके अलावा, जिन क्षेत्रों में हल्के प्रतिबंध लागू हैं, वहां भी क्रिसमस के दौरान केवल 25 दिसंबर के दिन तीन परिवारों को एकत्र होने की छूट रहेगी। हालांकि, यह छूट अब पांच दिन के लिए नहीं होगी। इस बीच, इंग्लैंड के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रोफेसर क्रिस विट्टी ने कहा,‘’हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन को सतर्क किया है और वायरस के नए प्रकार के बारे में और समझने के लिए उपलब्ध जानकारी का अध्ययन कर रहे हैं।‘‘
उन्होंने कहा,‘’वर्तमान में इस बात को साबित करने वाला कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है कि वायरस का नया प्रकार अधिक घातक है।‘‘ इस बीच, संडे टाइम्स की एक खबर के मुताबिक सरकार द्वारा वित्त-पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) क्रिसमस के दिन कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान को गति देना चाहती है।