
भारत-चीन संबंध में नया मोड़: सीमा पर शांति और व्यापारिक सहयोग
नई दिल्ली। भारत और चीन ने अपने रिश्तों को नया आयाम देने का फैसला किया है। हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता हुई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी। दोनों पड़ोसी देशों ने सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने, सीमा पर शांति बनाए रखने और व्यापार व निवेश को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया। यह कदम 2020 में गलवान घाटी में हुए सीमा टकराव के बाद तनावग्रस्त हुए संबंधों को सामान्य करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
2020 में कोविड-19 महामारी के कारण भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें निलंबित थीं। अब दोनों देशों ने इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है, हालांकि इसकी शुरुआत की कोई निश्चित तारीख घोषित नहीं की गई है। इसके साथ ही पर्यटकों, व्यवसायियों, पत्रकारों और अन्य आगंतुकों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाने पर भी सहमति बनी है। यह कदम दोनों देशों के बीच लोगों के आपसी संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा।
सीमा पर शांति और स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए दोनों देशों ने व्यापार और निवेश सहयोग को भी मजबूत करने पर जोर दिया। भारत और चीन एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं और वैश्विक व्यापार व आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपसी सहयोग से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलने के साथ क्षेत्रीय स्थिरता को भी समर्थन मिलेगा।
यह प्रगति ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में चीन यात्रा पर जाने वाले हैं। इस यात्रा का उद्देश्य उच्च-स्तरीय कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करना है। दोनों देशों ने भविष्य में और अधिक द्विपक्षीय बैठकों और यात्राओं की योजना बनाकर आपसी विश्वास और सहयोग को गहरा करने का संकल्प लिया है।