मध्यप्रदेश में सुरक्षा सलाहकार का नया पद , प्रदेश में कानून-व्यवस्था और नक्सली मोर्चे पर रणनीतिक सलाह , कैबिनेट मंत्री के समतुल्य होगा पद 

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भोपाल / मध्यप्रदेश में एनएसए की तर्ज पर एएसए (स्टेट सिक्योरिटी एडवाइजर) की नियुक्ति होगी | यह पद कैबिनेट मंत्री के समतुल्य होगा | प्राप्त जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के बाद मध्यप्रदेश दूसरा राज्य होगा, जहां एसएसए की तैनाती की जाएगी। राज्य की कमलनाथ सरकार अब प्रदेश में केंद्र के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की तर्ज पर स्टेट सिक्योरिटी एडवाइजर के पद को मंजूरी देने वाली है | इसका खाका खींचकर इस पद पर उपयुक्त अधिकारी की नियुक्ति करने की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि किसी रिटायर्ड आईपीएस अफसर को इसकी जवाबदारी दी जा सकती है | सुरक्षा सलाहकार का कार्यकाल तीन साल का रखा गया है। सेवा संतुष्टि के तहत एक्सटेंशन का प्रावधान भी किया गया है। एसएसए को किसी भी जांच एजेंसी से सीधे रिपोर्ट लेने का क़ानूनी अधिकार सौंपा जायेगा । राज्य के चीफ सेक्रेटरी के पद के अनुरूप अधिकारियों के समकक्ष एसएसए को वेतन-भत्तों का भुगतान किया जाएगा। 

एसएसए सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेगा। साथ ही सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर एनएसए से समन्वय का भी स्थापित करेगा। बताया जा रहा है इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है। उन्हें बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में सुरक्षा सलाहकार की व्यवस्था लागू है। वहां एमपी कैडर की आईपीएस रीना मित्रा यह जिम्मा संभाल रही थी। हालांकि वो 31 जनवरी को रिटायर हो गई हैं। 

पश्चिम बंगाल में एसएसए को प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री समन्वय के बराबर ओहदा दिया गया है। सुरक्षा से जुड़े मामलों में उसका सीधा दखल होता है। वो पुलिस मुखिया और कानून व्यवस्था का पालन कराने वाली एजेंसियों के चीफ के साथ नियमित तौर पर बैठक करते है। लेकिन मध्यप्रदेश में सुरक्षा सलाहकार का प्रस्ताव बनते ही आईएएस लॉबी सक्रिय हो गई है। रिटायर्ड आईपीएस को इसका जिम्मा सौंपने पर इस लॉबी ने नाखुशी जताते हुए तर्क दिया है कि आंतरिक सुरक्षा केंद्र से जुड़ा मामला है।