उत्तरप्रदेश में अखिलेश-मुलायम का साथ छोड़ सकते है आजम खान ? आजम के मीडिया प्रभारी ने सपा प्रमुखों को जमकर कोसा , मुख्यमंत्री योगी को क्यों सही बता रहे हैं आजम के मीडिया प्रभारी, सपा प्रमुख के खिलाफ उठ रही बगावत की आवाज से नए सियासी समीकरण

0
9

लखनऊ। उत्तरप्रदेश में आजम खान के सपा छोड़ने की अटकले तेज हो गई है। आजम खान के मीडिया प्रभारी के अखिलेश और मुलायम पर तीखा तंज कसने से नए सियासी समीकरणों की चर्चा शुरू हो गई है। खबरे आ रही है कि आजम खान समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ नए ठिकाने की तलाश में है।

समाजवादी पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। अभी तक अखिलेश यादव से नाराज चल रहे चाचा शिवपाल सिंह यादव ने मोर्चा खोल रखा था अब पार्टी के दूसरे नेता भी उसमें शामिल हो गए हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम आजम खान का है। तो क्या आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान भी समाजवादी पार्टी छोड़ सकते हैं।

ये कयास इसलिए क्योंकि एक दिन पहले ही आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां ने बड़ा बयान दे दिया। इसमें उन्होंने कहा कि क्या यह मान लिया जाए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही कहते हैं कि अखिलेश जी आप नहीं चाहते कि आजम खां जेल से बाहर आएं? हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को हमारे कपड़ों से बदबू आती है।

पहले जान लीजिए फसाहत ने और क्या कहा?
दरअसल आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां रविवार को रामपुर में एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इसमें उन्होंने आजम खान का जिक्र किया। कहा कि जेल में बंद आजम खां के जेल से बाहर न आने की वजह से हम लोग सियासी रूप से यतीम हो गए हैं। हम कहां जाएंगे, किससे कहेंगे और किसको अपना गम बताएं?

हमारे साथ तो वो समाजवादी पार्टी भी नहीं है, जिसके लिए हमने अपने खून का एक-एक कतरा बहा दिया। हमारे नेता मोहम्मद आजम खां ने अपनी जिंदगी सपा को दे दी, लेकिन सपा ने आजम खां के लिए कुछ नहीं किया। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को हमारे कपड़ों से बदबू आती है।

अखिलेश यादव और आजम खां

मुसलमानों की तरफ इशारा करते हुए फसाहत ने कहा कि क्या सारा ठेका अब्दुल ने ले लिया है? वोट भी अब्दुल देगा और जेल भी अब्दुल जाएगा? अब्दुल बर्बाद हो जाएगा। घर की कुर्की हो जाएगी। वसूली हो जाएगी और राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुंह से एक शब्द नहीं निकलेगा। हमने आपको और आपके वालिद को मुख्यमंत्री बनाया। हमारे वोटों की वजह से आपकी 111 सीटें आई हैं। आपकी तो जाति ने भी आपको वोट नहीं दिया। लेकिन, फिर भी मुख्यमंत्री आप बनेंगे और नेता विपक्ष भी आप बनेंगे। कोई दूसरा नेता विपक्ष भी नहीं बन सकता। आपने भाजपा से हमारी दुश्मनी करा दी और सजा भी हमें मिल रही है, लेकिन मजे आपको मिल रहे हैं।

आपके मुंह से विधानसभा और लोकसभा में एक भी शब्द नहीं निकला। आप एक बार ही आजम खां से जेल में मिलने के लिए पहुंचे हैं, दूसरी बार मिलने तक की जहमत नहीं उठाई। क्या यह मान लिया जाए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो कहा है कि अखिलेश जी आप नहीं चाहते कि आजम खां जेल से बाहर आएं।

सपा सांसद और रालोद प्रदेश अध्यक्ष भी उठा चुके मुद्दा

डा. शफीकुर्रहमान बर्क, सांसद, समाजवादी पार्टी

इसके पहले संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद डाॅ.शफीकुर्रहमान बर्क बर्क और रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रहे डॉ. मसूद अहमद भी सपा के खिलाफ बगावती बयान दे चुके हैं। डॉ. शफीकर्रहमान से मीडिया ने पूछा भाजपा सरकार मुसलमानों के हित में काम कर रही है या नहीं? इस पर उन्होंने जवाब दिया। कहा, ‘भाजपा के कार्यों से वह संतुष्ट नहीं हैं। भाजपा सरकार मुसलमानों के हित में काम नहीं कर रही है।

शफीकर्रहमान यहीं नहीं रूके। आगे उन्होंने कहा, ‘भाजपा को छोड़िए समाजवादी पार्टी ही मुसलमानों के हितों में काम नहीं कर रही।’ इसके बाद वह अपनी गाड़ी में सवार होकर चले गए। रालोद प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने तो सपा मुखिया को तानाशाह तक कह दिया था। डॉ. मसूद ने सपा पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

अब जानिए क्या सपा छोड़ देंगे आजम खान?

आजम खान और उनका बेटा अब्दुल्ला


राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय सिंह कहते हैं, ‘आजम खान के समाजवादी पार्टी छोड़ने की चर्चा में फिलहाल दम नहीं है। उनके सामने अभी कोई अच्छा विकल्प नहीं दिख रहा है। बसपा में आजम खान जाना नहीं चाहेंगे क्योंकि वहां सिर्फ और सिर्फ मायावती की चलेगी। हां, वह एआईएमआईएम के साथ जा सकते हैं, क्योंकि यह पूरी तरह से मुसलमानों की पार्टी है। आजम खान भी प्रदेश में मुसलमानों के बड़े नेता हैं। अगर ऐसा होता है तो आने वाले 2014 लोकसभा चुनाव में सपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।’

वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव भी यही कहते हैं। उनका मानना है कि आजम खान सपा के बड़े नेता हैं। ये हो सकता है कि एक बार आजम और उनके समर्थक एआईएमआईएम की तरफ सोचें, लेकिन सपा छोड़कर वह नहीं जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में एआईएमआईएम का कोई खास जनाधार नहीं है।