Sonali Phogat : सोनाली फोगाट की मौत को लेकर नया पैगाम , घर आई गुमनाम चिट्ठी में हत्या का सौदा 10 करोड़ में होने का दावा, एक नेता पर आरोप

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दिल्ली : बीजेपी नेता सोनाली फोगाट की मौत को लेकर एक नया पैगाम आया है | न्यूज़ टुडे को सोनाली के जीजा अमन पूनिया ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में दो चिट्ठी आई हैं। यह चिठ्ठी सोनाली की बहन रुकेश को मिली थी | अब यह चिट्ठी गोवा पुलिस को उपलब्ध कराई गई है। भाजपा नेता सोनाली फोगाट के नाम उनके संत नगर स्थित आवास पर एक गुमनाम चिट्ठी भेजी गई है, जिसमें सोनाली के मर्डर का सौदा 10 करोड़ में होने का दावा किया गया है। मर्डर में एक पार्टी के नेता पर आरोप लगाया गया है। सोनाली  के जेठ कुलदीप के नाम से यह चिट्ठी स्पीड पोस्ट से भेजी गई है। इस चिठ्ठी को पढ़ कर परिवार हैरत में है | 

हिंदी में टाइप कर भेजी गई इस चिट्ठी में शब्दों की काफी गलतियां हैं। सोनाली फोगाट को फोगट लिखा है। गुमनाम नाम ने आई इस चिट्ठी में कहा गया कि मुझे सोनाली जी की दुखद मृत्यु का बड़ा अफसोस है। खास कर सोनाली की बेटी जो पहले अपने पिता को खो चुकी हैं, उसके लिए यह मृत्यु असहनीय है। पत्र में आगे कहा गया है कि सोनाली के मर्डर के बारे में कुछ सूचित करना चाहता हूं। इस मर्डर के पीछे एक पार्टी के बड़े लीडर्स का हाथ है। सुधीर सांगवान केवल एक मोहरा है, जिसको मोटी रकम दे कर यह घिनौना काम करवाया गया है। एक स्थानीय नेता पार्टी के नाम पर चंदे की उगाही करता है। पार्टी को उसका पूरा हिसाब भी नहीं देता। एक पार्टी की टिकट के दावेदार इन नेता ने ही सोनाली के मर्डर का प्लान रचा है।

इस पत्र में यह भी लिखा है कि सुधीर को मोटे पैसे दिए गए हैं। इन लोगों को डर था कि सोनाली को आदमपुर से टिकट नहीं मिलता तो वो नेता को उजागर कर देंगी। उनकी लाइफ और नेतागिरी समाप्त हो जाएगी। इस कारण इन लोगों ने सोनाली को ही रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। सोनाली के पीए सुधीर सांगवान को 10 करोड़ का ऑफर दिया, जिसके लिए सुधीर तैयार हो गया। अगर उस नेता की कॉल डिटेल्स और उस द्वारा लिए पार्टी चंदे की पड़ताल की जाये तो सब साबित हो जाएगा। मेरी इच्छा केवल सोनाली बेटी को इंसाफ दिलाने की है। एक नेता ने शराब के नशे में यह राज मुझे बताया था। आप का शुभचिंतक, डर से अपना नाम अभी नहीं दे सकता। हालांकि इस पत्र की प्रतिलिपि एएसपी हिसार, डीजीपी हरियाणा, डीजीपी गोवा को भी भेजने का दावा किया गया है।


उधर सोनाली के परिजनों यह भी कहना है कि करीब एक महीने पहले एक चिट्ठी आई थी। लेकिन जब हमने स्थानीय पुलिस को इस लेटर के बारे में बताया तो पुलिस ने कहा मीडिया को इस बारे में मत बताना। हालांकि हमने गोवा पुलिस को इस बारे में अवगत कराया था। अब दूसरी चिट्ठी आई है। पहली चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हमें मीडिया का सहारा लेना पड़ा। पहली चिट्ठी में एक नेता का नाम था, दूसरी चिट्ठी में चार नेताओं के नाम हैं। इधर इस चिठ्ठी को लेकर गोवा पुलिस और अन्य एजेंसी की ओर से अभी कुछ नहीं कहा गया है |