छत्तीसगढ़ में काले कारोबार का नया खेल,कांग्रेस राज में दागी अफसरों ने IT -ED से बचने के लिए बीजेपी समर्थित चुनिंदा कारोबारियों और नेताओं की तिजोरी में भेजी ब्लैकमनी,जैन बाबू चर्चा में

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में IT -ED की नजर से बचने के लिए एक बड़े सुनियोजित खेल का पता चला है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में केंद्रीय जाँच एजेंसियों के डेरा जमा लिए जाने से कई कांग्रेसी समर्थक कारोबारी, नेता और अफसर सकते में आ गए है। उन्हें अपने ठिकानो में भी IT -ED की दबिश का खतरा नजर आ रहा है। लिहाजा ऐसे लोगों ने मुसीबत से बचने और ब्लैक मनी की हिफाजत के लिए बीजेपी समर्थित कुछ कारोबारी नेताओं का रुख किया है। 

सूत्रों का दावा है कि राजनैतिक गलियारे में चर्चित एक जैन बाबू पर ED की निगाहें टिकी हुई है। सूत्रों ने बताया कि छापे के भय से नगदी रकम के कई जखीरों को जैन बाबू ”इधर से उधर” कर रहे है। खबरों के मुताबिक मौजूदा कांग्रेस सरकार की छत्र -छाया में दर्जनों अधिकारियों और नेताओं की पौ बारह है।

ब्लैक मनी ठिकाने लगाने के लिए कुछ खास चुनिंदा लोगों ने बीजेपी समर्थित कारोबारियों और नेताओं की तिजोरी में अपनी रकम सुरक्षित रखवा दी है। इसमें करार किया गया है कि उस रकम को बाजार में खपाने से मिलने वाले ब्याज को ब्लैक मनी की हिफाजत करने वाला शख्स रखेगा। 

सूत्रों के मुताबिक मौजूदा IT -ED की पूछताछ में लगभग 64 कारोबारी, अफसर और उद्योगपतियों को तलब किया गया है। इनमे से सूर्यकान्त तिवारी, रानू साहू, सौम्या चौरसिया और आईएएस समीर विश्नोई से जुड़े संदेही भी शामिल है। बताया जाता है कि IT -ED की सक्रियता से अब उन लोगो पर खतरा मंडरा रहा है, जिनके काले कारनामे अब तक सुर्खिया नहीं बटोर पाए थे।

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस समर्थित दो चर्चित नेताओं ने भी बीजेपी समर्थित कारोबारियों के ठिकानों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। उनका मानना है कि बीजेपी का चोला ओढे कारोबारी और उनके ठिकाने इन दिनों काफी महफूज है। लिहाजा ये ठिकाने अब ब्लैक मनी रखने के सेफ हॉउस के रूप में इस्तेमाल हो रहे है। फिलहाल IT – ED की नजर इस नए कारोबार के खिलाड़ियों पर टिकी, बताई जा रही है।