नेपाल में राजनैतिक उथल-पुथल के बीच भारत के पक्ष में बोलने वाली नेपाली सांसद को पार्टी से किया गया निष्कासित , नेपाली समाजवादी पार्टी ने की कार्रवाई , नक्शा विवाद पर सांसद सरिता गिरी ने किया भारत का समर्थन   

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नई दिल्ली / नेपाल में नए राजनैतिक घटनाक्रम के पहले नक्शा विवाद पर भारत के पक्ष में बोलने वाली सांसद सरिता गिरी को समाजवादी पार्टी ने पद से निष्कासित कर दिया है | इसके चलते उनकी संसद सदस्यता भी चली गई है | नक्शा विवाद पर सरिता गिरी शुरुआत से ही नेपाल सरकार का खुलकर विरोध करती रही हैं | उधर बुधवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने पद पर बने रहने के लिए कोई बड़ा फैसला ले सकते है | आशंका जाहिर की जा रही है कि उनकी सरकार कभी भी गिर सकती है | इस बीच सरिता गिरी के निष्कासन ने भी राजनैतिक तूल पकड़ लिया है | 

सांसद सरिता गिरी ने सदन के अंदर और बाहर खुलेआम संविधान संशोधन का भी विरोध किया था | नेपाल सरकार के नए नक्शे को संविधान का हिस्सा बनाने के लिए लाए गए संविधान संशोधन प्रस्ताव पर उन्होंने अपना अलग से संशोधन प्रस्ताव लाते हुए इसका विरोध किया था | जनता समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरि ने इस संशोधन प्रस्ताव को खारिज करने की भी मांग की थी | 

दरअसल सीमा विवाद के कारण भारत और नेपाल में रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं | 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से धाराचूला तक बनाई गई सड़क का उद्घाटन किया था | इसके बाद नेपाल ने लिपुलेख को अपना हिस्सा बताते हुए विरोध किया था. 18 मई को नेपाल ने नया नक्शा जारी किया. इसमें भारत के तीन इलाके लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना हिस्सा बताया था | नेपाल कैबिनेट की बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था |  बैठक में मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने समर्थन किया था | 275 सदस्यों वाली नेपाली संसद में इस विवादित बिल के पक्ष में 258 वोट पड़े थे भारत ने लगातार इसका कड़ा विरोध किया | 

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भारत के खिलाफ प्रस्ताव पास होने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर अवैध कब्ज़े का आरोप लगाया था | उन्होंने यह भी दावा किया था कि वो अपनी ज़मीन वापस लेकर रहेंगे | इस मामले में 11 जून को नेपाल की कैबिनेट ने 9 लोगों की एक कमिटी का गठन किया था | वही दूसरी ओर जिस ज़मीन पर नेपाल दावा कर रहा है , उस ज़मीन पर अपने अधिकार का नेपाल के पास कोई प्रमाण ही नहीं है | वही  नए नक्शे में भारत के तीनों हिस्से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को लेकर विदेश मंत्रालय ने नेपाल को कई दस्तावेज सौंपे |