MANIPUR में एनडीए विधायकों ने कुकी उग्रवादियों के खिलाफ खोला मोर्चा, छह की हत्या के बाद पास किया ये प्रस्ताव…. 

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दिल्ली/अगरतला: MANIPUR में हिंसा का दौर थामे नहीं थम रहा है। जिरीबाम में सात दिनों के भीतर तीन महिलाओं और तीन बच्चों का शव मिलने से हड़कंप है। इन हत्याओं को कुकी उग्रवादियों की करतूत करार दिया जा रहा है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के विधायकों की एक बैठक में कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सामूहिक अभियान चलाने का प्रस्ताव लाया गया है। एक महत्वपूर्ण बैठक में कल देर रात 25 से ज्यादा विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र को सौंपा है। इस बैठक में निर्दोषों की हत्याओं के मामले को तुरंत केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक को लेकर NDA विधायकों ने एक बयान भी जारी किया है। 

बयान में बताया गया, “सात दिनों के भीतर तीन महिलाओं और तीन मासूम बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया जाएगा।” बयान में कुकी उग्रवादियों को गैर संगठन घोषित करने की बात कही गई। यह भी बताया गया कि केंद्र 14 नवंबर के आदेश के अनुसार तत्काल प्रभाव से अफ्स्पा लगाने की समीक्षा करेगा। पिछले साल मई से इंफाल घाटी के मैतेई और आसपास की पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। संघर्ष से जूझ रहे ऐसे पीड़ितों की हत्याएं आम नजारा बन गई है। 

अगर इन आदेशों को निर्धारित अवधि के भीतर लागू नहीं किया जाता है तो सभी एनडीए विधायक मणिपुर के लोगों के साथ परामर्श करके आगे की कार्रवाई तय करेंगे। उधर दावा किया जा रहा है कि मणिपुर में शांति सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। विधायकों में मणिपुर के मंत्रियों और विधायकों के आवासों पर हुए हमले की भी निंदा की। उच्चाधिकार प्राप्त समिति के निष्कर्षों के आधार पर उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इधर इस महत्वपूर्ण बैठक में अनुपस्थित विधायकों को नोटिस भी जारी किया गया है। बताते है कि इस बैठक में सात विधायक चिकित्सा संबंधी और अनऔपचारिक जानकारी का हवाला देते हुए अनुपस्थित रहे थे। इसके कारण 11 विधायकों के खिलाफ बिना कारण बताए बैठक में अनुपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया गया है।