मुंबई / बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के खिलाफ हुई बीएमसी की कार्रवाई से एनसीपी नेता शरद पवार काफी नाराज बताये जा रहे है | भारतीय जनता पार्टी बीजेपी के बाद इस कार्रवाई को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी ने भी सवाल उठाए हैं | शरद पवार ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई ने अनावश्यक रूप से कंगना को बोलने का अवसर दे दिया है |
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मुंबई में कई अन्य अवैध निर्माण हैं | यह देखने की जरूरत है कि अधिकारियों ने यह निर्णय क्यों लिया | एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि हर कोई जानता है कि मुंबई पुलिस सुरक्षा के लिए काम करती है.आपको इन लोगों को प्रचार नहीं देना चाहिए | महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है और बीएमसी में सिर्फ शिवसेना का कब्जा है |
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उधर BMC ने कंगना को बगैर सुनवाई का पर्याप्त मौका दिए यह कार्रवाई की है | बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के मुंबई स्थित ‘मणिकर्णिका फिल्म्ज’ ऑफिस को बीएमसी ने कथित तौर पर अवैध निर्माण को तोड़ दिया है | इस बीच बॉम्बे हाईकोर्ट में हुई कार्रवाई में फैसला कंगना रनौत के पक्ष में गया है | हाईकोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी है | यह रोक गुरुवार दोपहर 3 बजे तक लगाई गई है | लेकिन अदालत के निर्देशों के बावजूद बीएमसी ने अपनी कार्रवाई पूरी कर ही दम लिया |
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में 10 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा | हाईकोर्ट ने कंगना रनौत के ऑफिस में अवैध निर्माण को गिराने में इतनी जल्दबाजी करने के लिए बीएमसी से जवाब मांगा है | कल बीएमसी को इसका जवाब देना है | कोरोना वायरस महामारी देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने 26 मार्च 2020 को एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि राज्य सरकार बीएमसी और सभी संबंधित विभाग किसी के खिलाफ कोई विरोधात्मक कार्रवाई जल्दबाज़ी में ना करें |
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ऐसे में सवाल यह है कि आखिर बीएमसी क्या हाईकोर्ट के आदेश का भी सम्मान नहीं करते या पालन करना उचित नहीं समझती | ऐसे भी क्या जल्दबाजी थी कि बीएमसी ने नोटिस देने के 24 घंटे के भीतर ही कंगना के ऑफिस में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी | वो भी तब जब मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में आज ही होनी थी | कंगना रनौत के ऑफिस तोड़ने की तस्वीर सोशल मीडिया पर छा गई है | देश भर में इसका विरोध हो रहा है | लोग बीएमसी ही नहीं शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार की तीखी निंदा कर रहे है |