IL&FS Money Laundering Case: दिवालिया हो चुकी वित्तीय सेवा कंपनी आईएलएंडएफएस में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार (22 मई) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल को पूछताछ के लिए बुलाया. पाटिल दक्षिण मुंबई स्थित ईडी के दफ्तर पहुंचे. ईडी पाटिल का बयान दर्ज कर सकती है.
ईडी को शक है कि आईएल एंड एफएस मामले में एक ही व्यक्ति को कई ठेके दिए गए थे. ऐसे में क्या उस शख्स ने कई लोगों को कमीशन दिया था? इसी बात की छानबीन के लिए जयंत पाटिल को नोटिस भेजा गया.
कहा जा रहा है कि ईडी पहले से ही आईएल और एफएस कंपनियों के लेन-देन की जांच कर रही थी. ईडी को शक है कि इस कंपनी में बड़ी आर्थिक हेराफेरी और अनियमितताएं हुई हैं. मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का शक है. पुलिस इस मामले में अरुण कुमार शाह और राज ठाकरे से भी पूछताछ कर चुकी है.
ईडी के दफ्तर के बाहर पाटिल के समर्थकों का जमावड़ा
ट्विटर के माध्यम से जयंत पाटिल की अपील के बावजूद ईडी दफ्तर के बाहर एनसीपी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. पाटिल करीब 12 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे. पार्टी के कार्यकर्ता और पाटिल के समर्थक ईडी दफ्तर के बाहर नारेबाजी करने में जुटे हुए हैं. पाटिल से पूछताछ के विरोध में पूरे राज्य में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं.
ED दफ्तर जाने से पहले पाटिल ये बोले
पाटिल ने ईडी के सामने पेश होने से पहले कहा था, ‘‘मैं विपक्ष का हिस्सा हूं और इस प्रकार की परेशानी का सामना करना होगा. मैंने आईएलएंडएफएस का नाम पहले कभी नहीं सुना लेकिन ईडी के अधिकारियों ने मुझे पेश होने के लिए कहा है. मैं उनके प्रश्नों का कानूनी दायरे में जवाब देने की कोशिश करूंगा.’’
सात बार के विधायक पाटिल ने कहा, ‘‘मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने और अधिकारियों को अपना काम करने देने की अपील करता हूं. मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से भयभीत नहीं होने का भी आग्रह करता हूं.’’
पुलिस को करने पड़े सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पाटिल के समर्थकों की भीड़ को देखते हुए मुंबई पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. वहीं, ईडी के दफ्तर जाने से पहले पाटिल पहले पार्टी के कार्यालय पहुंचे थे, जहां उनके समर्थकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
इस्लामपुर सीट से विधायक पाटिल को पहले 12 मई को पेश होने के लिए समन जारी किया गया था लेकिन उन्होंने कुछ निजी और आधिकारिक कामों की बात कहते हुए दस दिन की मोहलत मांगी थी. इसके बाद उन्हें 22 मई को पेश होने के लिए कहा गया था.