कोण्डागांव: छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दो इनामी नक्सलियों ने कोण्डागांव पुलिस अधीक्षक वॉय अक्षय कुमार के सामने सरेंडर किया. सरेंडर करने वालों में रैसिंग कुमेटी उर्फ रतनसिंह कुमेटी और पुनाय आचला उर्फ हिरोंदा शामिल हैं, जिन पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था.
कोंडागांव में 2 इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया. इसके बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोण्डागांव में आयोजित आत्मसमर्पण कार्यक्रम में दोनों को तत्काल 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई. आत्मसमर्पण के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) रूपेश कुमार डाण्डे, उप पुलिस अधीक्षक सतीश भार्गव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
रैसिंग वर्ष 2002 से और पुनाय वर्ष 2005 से माओवादी संगठन में सक्रिय थे. दोनों ने राजनांदगांव, कांकेर, कोण्डागांव, गरियाबंद, धमतरी व नारायणपुर जिलों में अनेक नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया है. रैसिंग वर्ष 2009 में मदनवाड़ा हमले में शामिल था, जिसमें तत्कालीन एसपी सहित 29 जवान शहीद हुए थे. वहीं पुनाय वर्ष 2011 में एएसपी राजेश पवार पर हमले में शामिल रही, जिसमें 9 जवान शहीद हुए थे.
पुलिस व सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में डर का माहौल है, और वे अब समाज की मुख्यधारा से जुड़ने को तैयार हो रहे हैं. शासन की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.