बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी कर दी है। इस प्रक्रिया के दौरान 7.24 करोड़ मतदाताओं ने गणना फॉर्म जमा किया, जिनके नाम प्रारंभिक सूची में दर्ज किए गए हैं। अब मतदाताओं को दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है, जिसके बाद 1 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
इस ड्राफ्ट सूची से कई जिलों में बड़ी संख्या में नाम हटाए गए हैं। सबसे अधिक पटना में 3.95 लाख, भागलपुर में 2.44 लाख, और सुपौल में 1.28 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। सुपौल के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सावन कुमार के अनुसार, जिले में पहले 16.40 लाख मतदाता थे, जो अब घटकर 15.12 लाख रह गए हैं।
एसआईआर अभियान की शुरुआत 24 जून 2025 को हुई थी, जिसका उद्देश्य मृत, प्रवासी और दोहरे पंजीकरण वाले मतदाताओं के नाम हटाकर सूची को शुद्ध करना था। चुनाव आयोग के अनुसार, 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 52 लाख से अधिक नाम हटाए गए हैं। इसमें से 18 लाख मृतक, 26 लाख बाहर चले गए नागरिक, और 7 लाख दोहरे नाम शामिल हैं।
इस कदम से बिहार मतदाता सूची अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बन रही है। चुनाव आयोग का मानना है कि इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता की सहभागिता बेहतर होगी। अगर किसी नागरिक को अपने नाम में त्रुटि या हटाए जाने की जानकारी मिलती है, तो वे तय समय के भीतर दावा या आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।
