श्रीनगर / जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में विकास के काम में अब तेजी आई है | केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद कश्मीर में विकास कार्यों को लेकर नई मुहीम छिड़ गई है | इस कार्य में धार्मिक कट्टरता और राजनीति आड़े नहीं आ रही है बल्कि मुस्लिम समुदाय ने सौहार्द्र का शानदार उदाहरण पेश किया है | मामला आवाजाही के लिए पुल के निर्माण के लिए 40 साल पुरानी एक मस्जिद को ध्वस्त किए जाने का है | इस मामले में मुस्लिम समुदाय ने अपनी सहमति दी है | जल्द ही इस मस्जिद को हटाया जायेगा | ताकि पुल का निर्माण हो सके |
अधिकारीयों ने जानकारी देने हुए बताया कि इस बहुप्रतीक्षित पुल का निर्माण झेलम नदी पर होना है | अधिकारीयों ने बताया कि नदी पर पुल बनाने का यह प्रोजेक्ट 2002 से ही लंबित पड़ा हुआ था | पुल निर्माण में बड़ी अड़चन मस्जिद की मौजूदगी के साथ ही कुछ रिहायशी और कमर्शियल भवन आ रहे थे | श्रीनगर जिला विकास आयुक्त शाहिद इक़बाल चौधरी और मस्जिद आबू तुरब की मैनेजिंग समिति के बीच इलाके में विकास को लेकर आम सहमति बनी | इस दौरान दोनों पक्षों के बीच समझौते के 24 घंटे बाद मस्जिद को ध्वस्त किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई | इलाके के मुस्लिम समुदाय ने इसे जरुरी बताते हुए सहयोग भी किया | यह पहला मौका है , जब कश्मीर में पुल निर्माण के लिए मस्जिद को शहीद किया गया है | हालांकि मस्जिद कमेटी अन्य इलाके में नई मस्जिद का निर्माण जल्द शुरू करेगी |