पुरी : हिंदुओं के पवित्र चारधाम में से एक गोबर्धन पीठ, पुरी (ओडिशा) में वीआईपी विजिट के दौरान मुस्लिम अफसर मंदिर में घुस गई। इसके बाद से यहां वितंडा खड़ा हो गया। बताया जाता है कि मुस्लिम अफसर को उनके मातहत ने आगाह किया था। अफसर इससे नाराज हो गई और मुख्यमंत्री पटनायक से शिकायत कर दी। इसके बाद रोकने वाले अफसर को नवीन पटनायक सरकार ने 400 किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर दिया।
पुरी में गैर हिंदू समुदाय के लोगों का प्रवेश वर्जित है। यहां पर कोरोना के बाद से आधारकार्ड से एंट्री होती है। बीते दिनों अपने वरिष्ठ अफसरों की विजिट के लिए महिला मुस्लिम अफसर रेशमा लखानी मौके पर तैनात थी। उन्होंने यहां के अधीक्षक रोशन यादव से कहा मैं भी मंदिर जाऊंगी। यादव ने बताया मैडम यहां गैर हिंदू अंदर नहीं जा सकते। अंदर पंडा, पुजारी बखेड़ा खड़ा कर देंगे। अफसर इस बात से गुस्सा हो गई। तब रोशन यादव ने कहा तो आप अपना आईकार्ड चेक करवा लीजिए। इस बात को सुनकर मुस्लिम अफसर रेशमा का गु्स्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा।
मामला तैनाती के दौरान शांत करवा दिया गया। मंदिर परिसर से जुड़े लोगों ने आरोप लगाया है कि महिला मुस्लिम अफसर चेतावनियों के बाद भी मंदिर परिसर में घुस गई थी। यह हिंदू मान्यता और बनाए गए नियम के विरुद्ध है। अब इस पर आगे राजनीति नया रूप ले रही है। भाजपा के प्रवक्ता और गोवा में सुप्रीम कोर्ट की स्टैंडिंग काउंसिलिंग के सदस्य प्रशांत उमराव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग करके अफसर की शिकायत की है।
बताया जाता है कि अफसर आईआरएस की है। इनकी गवर्निंग बॉडी वित्त मंत्रालय ही होता है। इसलिए उमराव ने उन्हें टैग करके शिकायत की है। यह शिकायत 26 फरवरी को की गई है। महिला अफसर ने भी अपनी शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि यादव ने उनके साथ व्यक्तिगत रूप से दुर्व्यवहार किया था।
इंदिरा गांधी को भी नहीं जाने दिया गया
भारत में मुगल काल के दौरान मंदिरों में हुई लूटपाट और विध्वंशक गतिविधियों के चलते पुरी मंदिर में करीब 500 सालों से गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। मंदिर में इस संबंध में नोटिस भी लगा रहता है। आधारकार्ड की एंट्री के बाद ही अंदर प्रवेश दिया जाता है। इसका जिम्मा राज्य का धर्मस्व व न्यास विभाग संभालता है। साथ ही ट्रस्ट भी इसे देखता है। बताया जाता है कि इंदिरा गांधी बतौर प्रधानमंत्री पुरी गई तो उन्होंने मंदिर जाने की इच्छा जताई।
लेकिन पंडा-पुजारियों और मंदिर ट्रस्ट ने यह कहते हुए उन्हें प्रवेश नहीं दिया था कि वे एक पारसी व्यक्ति की पत्नी हैं। बताया जाता है कि इंदिरा गांधी के बाद से अब तक राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, सोनिया गांधी, राजीव गांधी, मेनका गांधी, वरुण गांधी समेत किसी भी इंदिरा-फिरोज गांधी परिवार के सदस्यों को यहां प्रवेश नहीं दिया जाता।