
दिल्ली: भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने स्वदेश की राह तय कर ली है। जल्द ही तमाम प्रतिनिधि मंडल पीएम मोदी से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट भी पेश करेंगे। इस बीच मुस्लिम देश मलेशिया ने पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। उसने पाकिस्तान के अरमानों पर पानी फेर दिया है। पाक ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे का हवाला देकर मलेशिया से ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े सभी कार्यक्रमों को रद्द करने का अनुरोध किया गया था, जिसे मलेशिया की सरकार ने अस्वीकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार, मलेशिया ने भारत विरोधी पाकिस्तान के अनुरोध को नजरअंदाज करते हुए संजय झा के नेतृत्व वाले नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को सभी 10 प्रस्तावित कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति दे दी थी।

न्यूज़ टुडे सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी दूतावास ने धार्मिक आधार पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश करते हुए मलेशियाई अधिकारियों से कहा, “हम इस्लामिक देश हैं। आप भी इस्लामिक देश हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की बात न मानें, उनके सभी कार्यक्रम रद्द कर दें।” हालांकि, मलेशियाई प्रशासन ने तटस्थ रुख अपनाते हुए पाकिस्तान की मांग को खारिज कर दिया और सभी कार्यक्रमों को आयोजित करने की स्वीकृति प्रदान की। मलेशिया के रुख से सांसद संजय झा गदगद नजर आये।

मलेशिया ने मंगलवार को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर भारत के रुख से अवगत कराने के लिए वहां से आए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद करते हुये शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है। भारतीय उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पोस्ट में कहा कि संजय झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया की संसद के प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष (दीवान राक्यत) वाईबी तन दातो (डॉ.) जोहरी बिन अब्दुल से मुलाकात की और आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की भारत की नीति के बारे में जानकारी दी।

उच्चायोग ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में मलेशियाई सांसदों से सहयोग मांगा। अध्यक्ष ने शांति के लिए मलेशिया की प्रतिबद्धता को दोहराया और आतंकवाद से निपटने में भारतीय रुख से अवगत कराने के लिए प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया। प्रतिनिधिमंडल ने वाईबी वोंग चेन की अध्यक्षता वाली संसद की विशेष समिति से मुलाकात की और पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले से अवगत कराया तथा आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की भारत की नीति से अवगत कराया।

प्रतिनिधिमंडल ने यहां दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एसईआरसीसीटी) के महानिदेशक दतिन पादुका नूर आशिकिन मोहम्मद तैयब के नेतृत्व में इसके प्रतिनिधियों के साथ एक ‘सार्थक बैठक’ की। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के रवैये को उजागर करने के लिए विभिन्न दलों के सांसदों के 7 प्रतिनिधिमंडल भेजे गए थे। फ़िलहाल, भारत को मिल रही कूटनीतिक सफलता से विश्व पटल से पाकिस्तान लगातार अलग-थलग पड़ता जा रहा है।