रायपुर: छत्तीसगढ़ में आबकारी घोटाले में पहली गिरफ़्तारी सामने आने के बाद राजनैतिक सरगर्मियां जोरो पर है,सूत्र बता रहे है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर इस्तीफे का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सबसे पहले सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया के बाद कारोबारी अनवर ढेबर की गिरफ़्तारी से एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चर्चा में है।
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ED ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कारोबारी मित्र अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर 4 दिनों की रिमांड ली है। कोर्ट कचहरी से लेकर राजनैतिक गलियारों तक अनवर ढेबर की गिरफ़्तारी से ज्यादा चर्चा उनकी दोस्ती में “दगाबाजी” की हो रही है। फिलहाल ED के अगले निशाने की भी चर्चा शुरू हो गई है।
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राज्य के सबसे बड़े आबकारी घोटाले में अभी तक लगभग 2 हजार करोड़ के ही सबूत ED के हाथ लगे है। मामले के जानकार बताते है कि सालाना लगभग 20 हजार करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर ED की जांच जोरो पर है। इसके पूर्व कोल खनन परिवहन घोटाले को लेकर सिर्फ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही खूब सुर्खियां बटोर रहे थे। आबकारी घोटाले में भी अब उनकी बानगी नजर आ रही है। बताते है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सहमति और सांठगांठ से ही ऐसे बड़े घोटालो को अंजाम दिया जा रहा था।
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नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा के आधिकारिक तौर से अब आबकारी घोटाले में भी शामिल होने की जानकारी मिली है,बताते है कि इस घोटाले का “मास्टरमाइंड” अनिल टुटेजा ही था।
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जबकि घोटाले की जद में आए कारोबारी अनवर ढेबर के बारे में बताया जा रहा है कि वे किसी गुरुचरण और मनदीप नामक शख्स की सुनियोजित रणनीति का शिकार हुए है। बताते है कि VIP रोड एवं NH-30 पर स्थित कई बेशकीमती जमीनों और होटलो की खरीद फरोख्त को लेकर “बघेलखंड” में गैंगवार जारी है। इसके तहत कारोबारी अनवर ढेबर को ED के सामने बड़ी चालाकी के साथ “परोस” दिया गया है।
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सूत्र बताते है कि विवादित अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ राज्य में “सेवा का मेवा” लूटने में माहिर कुछ कारोबारियों ने अनवर ढेबर के बढ़ते कद को थामने के लिए “एक तीर से दो निशाने साधे” है। बताते है कि कई दिनों से कारोबारी अनवर ढेबर ने VIP रोड की एक होटल में अपना डेरा डाला हुआ था।
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इस होटल के अलावा NH-30 स्थित एक अन्य होटल से भी अनवर ढेबर के करीबी संपर्क स्थापित थे। सत्ता के गलियारों से मिली जानकारी के मुताबिक सौम्या चौरसिया और अनिल टुटेजा के बीच छिड़ी सियासी जंग में कारोबारी अनवर ढेबर को उनके ही साथियों ने निशाने पर लिया है।
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सूत्र बताते है कि अनिल टुटेजा की हिलती कुर्सी को थामने की होड़ मची है,कई जूनियर नौकरशाह इसमें बैठने के लिए अपने नए समीकरणों के साथ सत्ता के गलियारे में हिलोरें मार रहे है,बताते है कि रातो-रात मालामाल होने के चक्कर में कारोबारी अनवर ढेबर को राह से हटाने का खांका खींचा गया था। फिलहाल 4 दिनों की कस्टडी के दौरान ED कारोबारी अनवर ढेबर से पूछताछ करेगी।