
मुंबई। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना में एक और बड़ा कदम आगे बढ़ा है। घनसोली और शिलफाटा के बीच 4.881 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। यह सुरंग NATM (न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड) से बनाई गई है और यह बीकेसी से शिलफाटा तक बनने वाली 21 किलोमीटर लंबी समुद्र सुरंग का हिस्सा है।
इस सुरंग में ठाणे क्रीक के नीचे 7 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाया जा रहा है। मई 2024 में तीन अलग-अलग मुखों से सुरंग निर्माण शुरू हुआ और जुलाई 2025 में पहला ब्रेकथ्रू हासिल किया गया। इसके बाद यह खंड निरंतर तैयार हो गया।
इंजीनियरिंग और तकनीकी उपलब्धियां
- सुरंग की आंतरिक चौड़ाई 12.6 मीटर है और यह एमएएचएसआर प्रोजेक्ट के वायाडक्ट से जुड़ जाएगी।
- निर्माण कार्य में ड्रिलिंग, ब्लास्टिंग, सर्वेक्षण और ग्राउंड सपोर्ट सिस्टम का सटीक उपयोग किया गया।
- कठिन भूगर्भीय परिस्थितियों में मध्यवर्ती सुरंग (एडीआईटी) बनाई गई, जिससे दोनों तरफ से एक साथ खुदाई संभव हुई।
- अगले चरण में ट्रैक के लिए 16 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी, जिसमें 13.1 मीटर व्यास की एकल ट्यूब और दोहरे ट्रैक होंगे।
सुरक्षा और मॉडर्न तकनीक
सुरंग निर्माण के दौरान सुरक्षा और तकनीक पर विशेष ध्यान दिया गया:
- ग्राउंड सेटलमेंट मार्कर, पीजोमीटर, इनक्लिनोमीटर और स्ट्रेन गेज लगाए गए।
- श्रमिकों के लिए ताजा हवा की सप्लाई और अनधिकृत प्रवेश रोकने के उपाय लागू।
- निगरानी प्रणाली से निर्माण की गति और सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
- अब सुरंग लाइनिंग, फिनिशिंग और उपकरण स्थापना के अंतिम चरण में है।
भारत की पहली बुलेट ट्रेन का सपना
- मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर लंबाई: 508 किलोमीटर
- अब तक पूरा:
- 321 किमी वायाडक्ट
- 398 किमी पियर
- 17 नदी पुल और 9 स्टील ब्रिज
- 206 किमी ट्रैक बेड
- चार लाख से अधिक नॉइज़ बैरियर
- 2000+ OHE मास्ट
- गुजरात में सभी स्टेशनों पर अधिरचना अंतिम चरण में है।
- महाराष्ट्र में मुंबई भूमिगत स्टेशन पर बेस स्लैब कास्टिंग तेजी से चल रही है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के इस मील के पत्थर से भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना का सपना और करीब आ गया है।