Mukhtar Ansari in Punjab Jail: इस गैंगस्टर को बचाने के लिए सरकार ने फूंक डाले 55 लाख, जेल में भी मिलती थी VVIP ट्रीटमेंट

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पंजाब विधानसभा में यूपी के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को लेकर पंजाब के जेल मंत्री हरजोत बैंस (Harjot Singh Bains) ने बड़ा खुलासा कर सनसनी पैदा कर दी है. जेल मंत्री ने कहा कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ पिछली सरकार ने जाली FIR दर्ज की और उनके खिलाफ चालान तक पेश नहीं किया. मंत्री ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है. मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था. उसको यूपी पुलिस से कोना सौंपने के एवज में पिछली सरकार ने 55 लाख रुपये खर्च कर दिए.

सरकारी पैसों का दुर्पुयोग
मुख्तार अंसारी को UP में जाने के लिए यूपी सरकार ने कई बार प्रोडक्शन वारंट निकाले. लेकिन पिछली सरकार ने मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस के हवाले नहीं किया जिसके बाद यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा. यूपी सरकार के सुप्रीम कोर्ट में जाने के पश्चात पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक बड़े नामी वकील को केस के लिए खड़ा कर दिया, जिसका अब 55 लाख रुपये का बिल आया है. मंत्री ने कहा कि हम क्यों पंजाब की जनता का पैसा ऐसे कामो में जाया करें, यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता है पिछली सरकार पर. बैंस ने कहा कि यह एक बड़ा ही गंभीर मामला है. मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल में रखा गया था, जहां पर एक बैरक में 25 कैदी रह सकते थे, उस बैरक में मुख्तार अंसारी को रखा गया और वीआईपी ट्रीटमेंट दी गई.

बैरक में रुकने चाहिए थे 25 लोग
हरजोत ने कहा कि उन्होंने इस मामले में FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं कि किसके कहने पर सब कुछ हुआ है. मंत्री हरजोत बेंस ने विधानसभा में कहा कि मुख्तार अंसारी 2 साल 3 महीने रोपड़ जेल में रहा उसके खिलाफ पर जो FIR दर्ज की गई और उसे जेल में रखा गया और कोई चालान पेश नहीं हुआ है. जिस बैरिंग में 25 बंदे आने चाहिए थे वहां पर अंसारी को अकेले रखा गया. अब 55 लाख का बिल उनके पास आया है हम क्यों दे.

जेल मंत्री ने दिए सख्त आदेश
पंजाब विधानसभा में मंत्री ने साफ कर दिया है कि पिछली सरकार ने जो मुख्तार अंसारी के लिए सुप्रीम कोर्ट में वकील हायर किया था उसका जो 55 लाख का बिल आया है व पंजाब सरकार अदा नहीं करेगी और इस मामले में जेल मंत्री ने FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं कि इसमें संलिप्त दोषियों के खिलाफ कारवाई की जाए और इस मामले की जांच की जाए की इसमें कौन-कौन आरोपी हैं.