रायपुर / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास के इर्द गिर्द का गलियारा इन दिनों एक ठगराज की दस्तक से गरमाया हुआ है | हफ्तेभर से ठगराज अपने अधिकृत सरकारी बंगले में घोषित चोर उच्चक्कों से लेकर अघोषित सफेदपोश बदमाशों की महफ़िल सजा रहा है | यह महफ़िल इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है | इसमें शामिल होने वाले मेहमान दावा कर रहे है कि साहब अब बहाल होने वाले है | बहाल होते ही वे PHQ का रुख करेंगे और पूर्ववर्ती सरकार की तर्ज पर इस सरकार के साथ भी कंधे से कंधा मिलाकर कामकाज करेंगे | हालांकि ठगराज के साथियों ने यह साफ़ नहीं किया कि कांग्रेस सरकार में किसके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर कदम ताल करेंगे |फ़िलहाल माना जा रहा है कि जब सरकार मेहरबान तो ठगराज क्यों न बने पहलवान | इन दिनों मुकेश गुप्ता की बहाली और उसकी पदस्थापना की खबरों ने सरकार के कर्णधारों की कार्यप्रणाली को सुर्ख़ियों में ला दिया है |
जानकारी के मुताबिक निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता की बहाली सुनिश्चित किये जाने की खबर है | इस खबर की पुष्टि खुद आरोपी कर रहा है | महफ़िल में उसने दावा किया है कि “सरकार” के विश्वस्त अफसरों ने मामला सेट कर दिया है | चंद दिनों में ही वे PHQ में नजर आएगा | आरोपी मुकेश गुप्ता अपनी बहाली को मुख्यमंत्री की पराजय और अपनी जीत बता रहा है | जानकारी के मुताबिक सिविल लाइन स्थित इस कुख्यात आरोपी के सरकारी बंगले में एक बार फिर उन लोगों का तांता लगा हुआ है , जिनकी पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में तूती बोलती थी | इसमें कुछ पुलिस अफसरों के अलावा रियल स्टेट कारोबारी और कोल माफियाओं का नाम अव्वल नंबर पर है |
बताया जाता है कि आरोपी मुकेश गुप्ता ने अपनी बहाली को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है | उधर राज्य सरकार भी उसके खिलाफ ठोस वैधानिक कार्रवाई करने के बजाय नरमी दिखा रही है | इस कुख्यात आरोपी के खिलाफ हाल ही में बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में चार सौ बीसी समेत आधा दर्जन अन्य धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया है | इस मामले में उसकी गिरफ्तारी ही नहीं बल्कि मामले की विवेचना ठंडे बस्ते में डाल दी गई है | राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में आरोपी मुकेश गुप्ता के असहयोगी रवैये के कारण दो अलग अलग जांच अब तक लंबित है | यही नहीं पत्नी मिक्की मेहता हत्याकांड को लेकर पूर्व डीजी गिरधारी नायक की जांच रिपोर्ट को फाइलों में कैद कर दिया गया है |
आरोपी मुकेश गुप्ता के एमजीएम ट्रस्ट के खिलाफ पंजीबद्ध अपराधों पर भी लाल फीताशाही हावी है | निलंबन अवधि के बाद से ही पुलिस मुख्यालय से गायब रहने और अन्य मामलों को लेकर गठित की गई विभागीय कार्रवाई भी अभी तक परवान नहीं चढ़ पाई है | खाकी वर्दीधारी इस कानून के भक्षक के खिलाफ ठोस वैधानिक कार्रवाई के बजाये पुलिस मुख्यालय में उसकी तैनाती की सक्रियता देखकर राज्य की जनता हैरत में है |